किरातार्जुनीयम् — 1.30
Original
Segmented
व्रजन्ति ते मूढ-धियः पराभवम् भवन्ति मायाविषु ये न मायिनः प्रविश्य हि घ्नन्ति शठास् तथाविधान् असंवृत-अङ्गान् निशिता इव इषवः
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
व्रजन्ति | व्रज् | pos=v,p=3,n=p,l=lat |
ते | तद् | pos=n,g=m,c=1,n=p |
मूढ | मुह् | pos=va,comp=y,f=part |
धियः | धी | pos=n,g=m,c=1,n=p |
पराभवम् | पराभव | pos=n,g=m,c=2,n=s |
भवन्ति | भू | pos=v,p=3,n=p,l=lat |
मायाविषु | मायाविन् | pos=a,g=m,c=7,n=p |
ये | यद् | pos=n,g=m,c=1,n=p |
न | न | pos=i |
मायिनः | मायिन् | pos=a,g=m,c=1,n=p |
प्रविश्य | प्रविश् | pos=vi |
हि | हि | pos=i |
घ्नन्ति | हन् | pos=v,p=3,n=p,l=lat |
शठास् | शठ | pos=a,g=m,c=1,n=p |
तथाविधान् | तथाविध | pos=a,g=m,c=2,n=p |
असंवृत | असंवृत | pos=a,comp=y |
अङ्गान् | अङ्ग | pos=n,g=m,c=2,n=p |
निशिता | निशा | pos=va,g=m,c=1,n=p,f=part |
इव | इव | pos=i |
इषवः | इषु | pos=n,g=m,c=1,n=p |