किरातार्जुनीयम् — 1.3
Original
Segmented
द्विषाम् विघाताय विधातुम् इच्छतो रहस्य् अनुज्ञाम् अधिगम्य भूभृतः स सौष्ठव-औदार्य-विशेष-शालिन् विनिश्चित-अर्थाम् इति वाचम् आदधे
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
द्विषाम् | द्विष् | pos=a,g=m,c=6,n=p |
विघाताय | विघात | pos=n,g=m,c=4,n=s |
विधातुम् | विधा | pos=vi |
इच्छतो | इष् | pos=va,g=m,c=6,n=s,f=part |
रहस्य् | रहस् | pos=n,g=n,c=7,n=s |
अनुज्ञाम् | अनुज्ञा | pos=n,g=f,c=2,n=s |
अधिगम्य | अधिगम् | pos=vi |
भूभृतः | भूभृत् | pos=n,g=m,c=6,n=s |
स | तद् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
सौष्ठव | सौष्ठव | pos=n,comp=y |
औदार्य | औदार्य | pos=n,comp=y |
विशेष | विशेष | pos=n,comp=y |
शालिन् | शालिन् | pos=a,g=f,c=2,n=s |
विनिश्चित | विनिश्चि | pos=va,comp=y,f=part |
अर्थाम् | अर्थ | pos=n,g=f,c=2,n=s |
इति | इति | pos=i |
वाचम् | वाच् | pos=n,g=f,c=2,n=s |
आदधे | आधा | pos=v,p=3,n=s,l=lit |