Original

निरत्ययं साम न दानवर्जितं न भूरि दानं विरहय्य सत्क्रियाम् ।प्रवर्तते तस्य विशेषशालिनी गुणानुरोधेन विना न सत्क्रिया ॥

Segmented

निरत्ययम् साम न दान-वर्जितम् न भूरि दानम् विरहय्य सत्क्रियाम् प्रवर्तते तस्य विशेष-शालिनी गुण-अनुरोधेन विना न सत्क्रिया

Analysis

Word Lemma Parse
निरत्ययम् निरत्यय pos=a,g=n,c=1,n=s
साम सामन् pos=n,g=n,c=1,n=s
pos=i
दान दान pos=n,comp=y
वर्जितम् वर्जय् pos=va,g=n,c=1,n=s,f=part
pos=i
भूरि भूरि pos=n,g=n,c=1,n=s
दानम् दान pos=n,g=n,c=1,n=s
विरहय्य विरहय् pos=vi
सत्क्रियाम् सत्क्रिया pos=n,g=f,c=2,n=s
प्रवर्तते प्रवृत् pos=v,p=3,n=s,l=lat
तस्य तद् pos=n,g=m,c=6,n=s
विशेष विशेष pos=n,comp=y
शालिनी शालिन् pos=a,g=f,c=1,n=s
गुण गुण pos=n,comp=y
अनुरोधेन अनुरोध pos=n,g=m,c=3,n=s
विना विना pos=i
pos=i
सत्क्रिया सत्क्रिया pos=n,g=f,c=1,n=s