हंसदूतम् — 98
Original
Segmented
अभूत् को ऽपि प्रेमा मयि मुरारि-रिपोः यः सखि पुरा पराम् कर्म-अपेक्षाम् अपि तद्-अवलम्बात् न गणयेत् तथा इदानीम् हा धिक् समजनि तटस्थः स्फुटम् अहम् भजे लज्जाम् येन क्षणम् अपि पुनः जीवितुम्
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
अभूत् | भू | pos=v,p=3,n=s,l=lun |
को | क | pos=n,g=m,c=1,n=s |
ऽपि | अपि | pos=i |
प्रेमा | प्रेमन् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
मयि | मद् | pos=n,g=,c=7,n=s |
मुरारि | मुरारि | pos=n,comp=y |
रिपोः | रिपु | pos=n,g=m,c=6,n=s |
यः | यद् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
सखि | सखी | pos=n,g=f,c=8,n=s |
पुरा | पुरा | pos=i |
पराम् | पर | pos=n,g=f,c=2,n=s |
कर्म | कर्मन् | pos=n,comp=y |
अपेक्षाम् | अपेक्षा | pos=n,g=f,c=2,n=s |
अपि | अपि | pos=i |
तद् | तद् | pos=n,comp=y |
अवलम्बात् | अवलम्ब | pos=n,g=m,c=5,n=s |
न | न | pos=i |
गणयेत् | गणय् | pos=v,p=3,n=s,l=vidhilin |
तथा | तथा | pos=i |
इदानीम् | इदानीम् | pos=i |
हा | हा | pos=i |
धिक् | धिक् | pos=i |
समजनि | संजन् | pos=v,p=3,n=s,l=lun |
तटस्थः | तटस्थ | pos=a,g=m,c=1,n=s |
स्फुटम् | स्फुट | pos=a,g=n,c=2,n=s |
अहम् | मद् | pos=n,g=,c=1,n=s |
भजे | भज् | pos=v,p=1,n=s,l=lat |
लज्जाम् | लज्जा | pos=n,g=f,c=2,n=s |
येन | येन | pos=i |
क्षणम् | क्षण | pos=n,g=m,c=2,n=s |
अपि | अपि | pos=i |
पुनः | पुनर् | pos=i |
जीवितुम् | जीव् | pos=vi |