हंसदूतम् — 87
Original
Segmented
समक्षम् सर्वेषाम् निवससि समाधि-प्रणयिन् इति श्रुत्वा नूनम् गुरुतर-समाधिम् कलयति सदा कंसाराते भजसि यमिनाम् नेत्र-पदवीम् इति व्यक्तम् सज्जीभवति यमम् आलम्बितुम्
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
समक्षम् | समक्ष | pos=a,g=n,c=2,n=s |
सर्वेषाम् | सर्व | pos=n,g=m,c=6,n=p |
निवससि | निवस् | pos=v,p=2,n=s,l=lat |
समाधि | समाधि | pos=n,comp=y |
प्रणयिन् | प्रणयिन् | pos=a,g=m,c=6,n=p |
इति | इति | pos=i |
श्रुत्वा | श्रु | pos=vi |
नूनम् | नूनम् | pos=i |
गुरुतर | गुरुतर | pos=a,comp=y |
समाधिम् | समाधि | pos=n,g=m,c=2,n=s |
कलयति | कलय् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
सदा | सदा | pos=i |
कंसाराते | कंसाराति | pos=n,g=m,c=8,n=s |
भजसि | भज् | pos=v,p=2,n=s,l=lat |
यमिनाम् | यमिन् | pos=a,g=m,c=6,n=p |
नेत्र | नेत्र | pos=n,comp=y |
पदवीम् | पदवी | pos=n,g=f,c=2,n=s |
इति | इति | pos=i |
व्यक्तम् | व्यक्त | pos=a,g=n,c=2,n=s |
सज्जीभवति | सज्जीभू | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
यमम् | यम | pos=n,g=m,c=2,n=s |
आलम्बितुम् | अपि | pos=i |