हंसदूतम् — 83
Original
Segmented
पशूनाम् पातारम् भुजग-रिपु-पत्त्र-प्रणयिनम् निबिड-घनसार-द्युति-हरम् सदा अभ्यर्णे नन्दीश्वर-गिरिभू रङ्ग-रसिकम् भवन्तम् कंसारे भजति भवत्-आप्त्यै मम सखी
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
पशूनाम् | पशु | pos=n,g=m,c=6,n=p |
पातारम् | पातृ | pos=a,g=m,c=2,n=s |
भुजग | भुजग | pos=n,comp=y |
रिपु | रिपु | pos=n,comp=y |
पत्त्र | पत्त्र | pos=n,comp=y |
प्रणयिनम् | प्रणयिन् | pos=a,g=m,c=2,n=s |
निबिड | निबिड | pos=a,comp=y |
घनसार | घनसार | pos=n,comp=y |
द्युति | द्युति | pos=n,comp=y |
हरम् | हर | pos=a,g=m,c=2,n=s |
सदा | सदा | pos=i |
अभ्यर्णे | अभ्यर्ण | pos=n,g=n,c=7,n=s |
नन्दीश्वर | नन्दीश्वर | pos=n,comp=y |
गिरिभू | गिरिभू | pos=n,g=f,c=6,n=s |
रङ्ग | रङ्ग | pos=n,comp=y |
रसिकम् | रसिक | pos=a,g=m,c=2,n=s |
भवन्तम् | भवत् | pos=a,g=m,c=2,n=s |
कंसारे | कंसारि | pos=n,g=m,c=8,n=s |
भजति | भज् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
भवत् | भवत् | pos=a,comp=y |
आप्त्यै | आप्ति | pos=n,g=f,c=4,n=s |
मम | मद् | pos=n,g=,c=6,n=s |
सखी | सखी | pos=n,g=f,c=1,n=s |