Original

मुहुः शून्यां दृष्टिं वहसि ध्यायसि सदाशृणोषि प्रत्यक्षं नवपरिजनविज्ञापनशतं ।ततः शङ्के पङ्केरुहमुखि ययौ श्यामलरुचिःस यूनो मूर्तं सम्भव नयनवीथीपथिकताम् ॥ ३८ ॥

Segmented

मुहुः शून्याम् दृष्टिम् वहसि रहसि ध्यायसि सदा शृणोषि प्रत्यक्षम् न परिजन-विज्ञापन-शतम् अतः शङ्के पङ्केरुह-मुखि ययौ श्यामल-रुचिः स यूनाम् नयन-वीथी-पथिकताम्

Analysis

Word Lemma Parse
मुहुः मुहुर् pos=i
शून्याम् शून्य pos=a,g=f,c=2,n=s
दृष्टिम् दृष्टि pos=n,g=f,c=2,n=s
वहसि वह् pos=v,p=2,n=s,l=lat
रहसि रहस् pos=n,g=n,c=7,n=s
ध्यायसि ध्या pos=v,p=2,n=s,l=lat
सदा सदा pos=i
शृणोषि श्रु pos=v,p=2,n=s,l=lat
प्रत्यक्षम् प्रत्यक्ष pos=a,g=n,c=2,n=s
pos=i
परिजन परिजन pos=n,comp=y
विज्ञापन विज्ञापन pos=n,comp=y
शतम् शत pos=n,g=n,c=2,n=s
अतः अतस् pos=i
शङ्के शङ्क् pos=v,p=1,n=s,l=lat
पङ्केरुह पङ्केरुह pos=n,comp=y
मुखि मुखी pos=n,g=f,c=8,n=s
ययौ या pos=v,p=3,n=s,l=lit
श्यामल श्यामल pos=n,comp=y
रुचिः रुचि pos=n,g=m,c=1,n=s
तद् pos=n,g=m,c=1,n=s
यूनाम् युवन् pos=n,g=m,c=6,n=p
नयन नयन pos=n,comp=y
वीथी वीथि pos=n,comp=y
पथिकताम् पथिकता pos=n,g=f,c=2,n=s