चौरपञ्चाशिका — 39
Original
Segmented
अद्य अपि ताम् न खलु वेद्मि किम् ईश-पत्नी शापम् गता सुरपतेः अथ कृष्ण-लक्ष्मीः धात्रा एव किम् नु जगतः परिमोहनाय सा निर्मिता
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
अद्य | अद्य | pos=i |
अपि | अपि | pos=i |
ताम् | तद् | pos=n,g=f,c=2,n=s |
न | न | pos=i |
खलु | खलु | pos=i |
वेद्मि | विद् | pos=v,p=1,n=s,l=lat |
किम् | किम् | pos=i |
ईश | ईश | pos=n,comp=y |
पत्नी | पत्नी | pos=n,g=f,c=1,n=s |
शापम् | शाप | pos=n,g=m,c=2,n=s |
गता | गम् | pos=va,g=f,c=1,n=s,f=part |
सुरपतेः | सुरपति | pos=n,g=m,c=6,n=s |
अथ | अथ | pos=i |
कृष्ण | कृष्ण | pos=n,comp=y |
लक्ष्मीः | लक्ष्मी | pos=n,g=f,c=1,n=s |
धात्रा | धातृ | pos=n,g=m,c=3,n=s |
एव | एव | pos=i |
किम् | किम् | pos=i |
नु | नु | pos=i |
जगतः | जगन्त् | pos=n,g=n,c=6,n=s |
परिमोहनाय | परिमोहन | pos=n,g=n,c=4,n=s |
सा | तद् | pos=n,g=f,c=1,n=s |
निर्मिता | निर्मा | pos=va,g=f,c=1,n=s,f=part |