चौरपञ्चाशिका — 21
Original
Segmented
अद्य अपि ताम् चाटु-शत-दुर्ललित-उचित-अर्थम् तस्याः स्मरामि सुरत-क्लम-विह्वलायाः अव्यक्त-निःस्वन्-कातर-कथय्-संकीर्ण-वर्ण-रुचिरम् वचनम् प्रियायाः
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
अद्य | अद्य | pos=i |
अपि | अपि | pos=i |
ताम् | तद् | pos=n,g=f,c=2,n=s |
चाटु | चाटु | pos=n,comp=y |
शत | शत | pos=n,comp=y |
दुर्ललित | दुर्ललित | pos=n,comp=y |
उचित | उचित | pos=a,comp=y |
अर्थम् | अर्थ | pos=n,g=m,c=2,n=s |
तस्याः | तद् | pos=n,g=f,c=6,n=s |
स्मरामि | स्मृ | pos=v,p=1,n=s,l=lat |
सुरत | सुरत | pos=n,comp=y |
क्लम | क्लम | pos=n,comp=y |
विह्वलायाः | विह्वल | pos=a,g=f,c=6,n=s |
अव्यक्त | अव्यक्त | pos=a,comp=y |
निःस्वन् | निःस्वन् | pos=va,comp=y,f=part |
कातर | कातर | pos=a,comp=y |
कथय् | कथय् | pos=va,comp=y,f=part |
संकीर्ण | संकीर्ण | pos=a,comp=y |
वर्ण | वर्ण | pos=n,comp=y |
रुचिरम् | रुचिर | pos=a,g=n,c=2,n=s |
वचनम् | वचन | pos=n,g=n,c=2,n=s |
प्रियायाः | प्रिया | pos=n,g=f,c=6,n=s |