बोधिचर्यावतारः — 9.88
Original
Segmented
एवम् स्वप्न-उपमे रूपे को रज्येत विचारकः कायः च एवम् यदा न अस्ति तदा का स्त्री पुमान् च कः
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
एवम् | एवम् | pos=i |
स्वप्न | स्वप्न | pos=n,comp=y |
उपमे | उपम | pos=a,g=n,c=7,n=s |
रूपे | रूप | pos=n,g=n,c=7,n=s |
को | क | pos=n,g=m,c=1,n=s |
रज्येत | रञ्ज् | pos=v,p=3,n=s,l=vidhilin |
विचारकः | विचारक | pos=n,g=m,c=1,n=s |
कायः | काय | pos=n,g=m,c=1,n=s |
च | च | pos=i |
एवम् | एवम् | pos=i |
यदा | यदा | pos=i |
न | न | pos=i |
अस्ति | अस् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
तदा | तदा | pos=i |
का | क | pos=n,g=f,c=1,n=s |
स्त्री | स्त्री | pos=n,g=f,c=1,n=s |
पुमान् | पुंस् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
च | च | pos=i |
कः | क | pos=n,g=m,c=1,n=s |