बोधिचर्यावतारः — 6.106
Original
Segmented
सुलभा याचका लोके दुर्लभाः तु अपकारिन् यतो मे ऽनपराधस्य न कश्चिद् अपराध्यति
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
सुलभा | सुलभ | pos=a,g=m,c=1,n=p |
याचका | याचक | pos=n,g=m,c=1,n=p |
लोके | लोक | pos=n,g=m,c=7,n=s |
दुर्लभाः | दुर्लभ | pos=a,g=m,c=1,n=p |
तु | तु | pos=i |
अपकारिन् | अपकारिन् | pos=a,g=m,c=1,n=p |
यतो | यतस् | pos=i |
मे | मद् | pos=n,g=,c=6,n=s |
ऽनपराधस्य | अनपराध | pos=a,g=m,c=6,n=s |
न | न | pos=i |
कश्चिद् | कश्चित् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
अपराध्यति | अपराध् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |