बोधिचर्यावतारः — 5.41
Original
Segmented
कुत्र मे वर्तत इति प्रत्यवेक्ष्यम् तथा मनः समाधान-धुरम् न एव क्षणम् अपि उत्सृजेत् यथा
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
कुत्र | कुत्र | pos=i |
मे | मद् | pos=n,g=,c=6,n=s |
वर्तत | वृत् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
इति | इति | pos=i |
प्रत्यवेक्ष्यम् | प्रत्यवेक्ष् | pos=va,g=n,c=1,n=s,f=krtya |
तथा | तथा | pos=i |
मनः | मनस् | pos=n,g=n,c=1,n=s |
समाधान | समाधान | pos=n,comp=y |
धुरम् | धुर | pos=n,g=n,c=1,n=s |
न | न | pos=i |
एव | एव | pos=i |
क्षणम् | क्षण | pos=n,g=m,c=2,n=s |
अपि | अपि | pos=i |
उत्सृजेत् | उत्सृज् | pos=v,p=3,n=s,l=vidhilin |
यथा | यथा | pos=i |