बोधिचर्यावतारः — 5.102
Original
Segmented
सदा कल्याण-मित्रम् च जीवित-अर्थे अपि न त्यजेत् बोधिसत्त्व-व्रत-धरम् महायान-अर्थ-कोविदम्
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
सदा | सदा | pos=i |
कल्याण | कल्याण | pos=a,comp=y |
मित्रम् | मित्र | pos=n,g=m,c=2,n=s |
च | च | pos=i |
जीवित | जीवित | pos=n,comp=y |
अर्थे | अर्थ | pos=n,g=m,c=7,n=s |
अपि | अपि | pos=i |
न | न | pos=i |
त्यजेत् | त्यज् | pos=v,p=3,n=s,l=vidhilin |
बोधिसत्त्व | बोधिसत्त्व | pos=n,comp=y |
व्रत | व्रत | pos=n,comp=y |
धरम् | धर | pos=a,g=m,c=2,n=s |
महायान | महायान | pos=n,comp=y |
अर्थ | अर्थ | pos=n,comp=y |
कोविदम् | कोविद | pos=a,g=m,c=2,n=s |