बोधिचर्यावतारः — 4.35
Original
Segmented
भव-चारक-पालक इमे नरक-आदिषु अपि वध्य-घातक मति-वेश्मनि लोभ-पञ्जरे यदि तिष्ठति कुतः सुखम् मम
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
भव | भव | pos=n,comp=y |
चारक | चारक | pos=n,comp=y |
पालक | पालक | pos=a,g=,c=1,n=p |
इमे | इदम् | pos=n,g=m,c=1,n=p |
नरक | नरक | pos=n,comp=y |
आदिषु | आदि | pos=n,g=m,c=7,n=p |
अपि | अपि | pos=i |
वध्य | वध्य | pos=n,comp=y |
घातक | घातक | pos=a,g=,c=1,n=p |
मति | मति | pos=n,comp=y |
वेश्मनि | वेश्मन् | pos=n,g=n,c=7,n=s |
लोभ | लोभ | pos=n,comp=y |
पञ्जरे | पञ्जर | pos=n,g=n,c=7,n=s |
यदि | यदि | pos=i |
तिष्ठति | स्था | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
कुतः | कुतस् | pos=i |
सुखम् | सुख | pos=n,g=n,c=1,n=s |
मम | मद् | pos=n,g=,c=6,n=s |