बोधिचर्यावतारः — 10.47
Original
Segmented
अ भुक्त्वा आपायिकम् दुःखम् विना दुष्कर-चर्यया दिव्येन एकेन कायेन जगत्-बुद्धत्वम् आप्नुयात्
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
अ | अ | pos=i |
भुक्त्वा | भुज् | pos=vi |
आपायिकम् | आपायिक | pos=a,g=n,c=2,n=s |
दुःखम् | दुःख | pos=n,g=n,c=2,n=s |
विना | विना | pos=i |
दुष्कर | दुष्कर | pos=a,comp=y |
चर्यया | चर्या | pos=n,g=f,c=3,n=s |
दिव्येन | दिव्य | pos=a,g=m,c=3,n=s |
एकेन | एक | pos=n,g=m,c=3,n=s |
कायेन | काय | pos=n,g=m,c=3,n=s |
जगत् | जगन्त् | pos=n,comp=y |
बुद्धत्वम् | बुद्धत्व | pos=n,g=n,c=2,n=s |
आप्नुयात् | आप् | pos=v,p=3,n=s,l=vidhilin |