Original

शर्करादिव्यपेता च समा पाणितलोपमा मृद्वी च वैदूर्यमयी भूमिः सर्वत्र तिष्ठतु ॥

Segmented

शर्करा-आदि-व्यपेता च समा पाणि-तल-उपमा मृद्वी च वैदूर्य-मयी भूमिः सर्वत्र तिष्ठतु

Analysis

Word Lemma Parse
शर्करा शर्करा pos=n,comp=y
आदि आदि pos=n,comp=y
व्यपेता व्यपे pos=va,g=f,c=1,n=s,f=part
pos=i
समा सम pos=n,g=f,c=1,n=s
पाणि पाणि pos=n,comp=y
तल तल pos=n,comp=y
उपमा उपम pos=a,g=f,c=1,n=s
मृद्वी मृदु pos=a,g=f,c=1,n=s
pos=i
वैदूर्य वैदूर्य pos=a,comp=y
मयी मय pos=a,g=f,c=1,n=s
भूमिः भूमि pos=n,g=f,c=1,n=s
सर्वत्र सर्वत्र pos=i
तिष्ठतु स्था pos=v,p=3,n=s,l=lot