बोधिचर्यावतारः — 10.15
Original
Segmented
इति मद्-कुशलैः समन्तभद्र-प्रमुखान् आवृत-बोधिसत्त्व-मेघान् सुख-शीत-सुगन्ध-वात-वृष्टि अभिनन्दन्तु विलोक्य नारकाः ते
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
इति | इति | pos=i |
मद् | मद् | pos=n,comp=y |
कुशलैः | कुशल | pos=n,g=n,c=3,n=p |
समन्तभद्र | समन्तभद्र | pos=n,comp=y |
प्रमुखान् | प्रमुख | pos=a,g=m,c=2,n=p |
आवृत | आवृ | pos=va,comp=y,f=part |
बोधिसत्त्व | बोधिसत्त्व | pos=n,comp=y |
मेघान् | मेघ | pos=n,g=m,c=2,n=p |
सुख | सुख | pos=a,comp=y |
शीत | शीत | pos=a,comp=y |
सुगन्ध | सुगन्ध | pos=a,comp=y |
वात | वात | pos=n,comp=y |
वृष्टि | वृष्टि | pos=n,g=m,c=2,n=p |
अभिनन्दन्तु | अभिनन्द् | pos=v,p=3,n=p,l=lot |
विलोक्य | विलोकय् | pos=vi |
नारकाः | नारक | pos=n,g=m,c=1,n=p |
ते | तद् | pos=n,g=m,c=1,n=p |