बोधिचर्यावतारः — 10.14
Original
Segmented
पश्यन्तु एनम् भवन्तः सुर-शत-मुकुटैः अर्चय्-अङ्घ्रि-पद्मम् कारुण्यात् आर्द्र-दृष्टि शिरसि निपत्-अनेक-पुष्प-ओघ-वृष्टिम् कूटागारैः मनोज्ञैः स्तुति-मुखर-सुर-स्त्री-सहस्र-उपगीतैः दृष्ट्वा अग्रे मञ्जुघोषम् भवतु कलकलः साम्प्रतम् नारकाणाम्
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
पश्यन्तु | पश् | pos=v,p=3,n=p,l=lot |
एनम् | एनद् | pos=n,g=m,c=2,n=s |
भवन्तः | भवत् | pos=a,g=m,c=1,n=p |
सुर | सुर | pos=n,comp=y |
शत | शत | pos=n,comp=y |
मुकुटैः | मुकुट | pos=n,g=m,c=3,n=p |
अर्चय् | अर्चय् | pos=va,comp=y,f=part |
अङ्घ्रि | अङ्घ्रि | pos=n,comp=y |
पद्मम् | पद्म | pos=n,g=m,c=2,n=s |
कारुण्यात् | कारुण्य | pos=n,g=n,c=5,n=s |
आर्द्र | आर्द्र | pos=a,comp=y |
दृष्टि | दृष्टि | pos=n,g=m,c=2,n=s |
शिरसि | शिरस् | pos=n,g=n,c=7,n=s |
निपत् | निपत् | pos=va,comp=y,f=part |
अनेक | अनेक | pos=a,comp=y |
पुष्प | पुष्प | pos=n,comp=y |
ओघ | ओघ | pos=n,comp=y |
वृष्टिम् | वृष्टि | pos=n,g=m,c=2,n=s |
कूटागारैः | कूटागार | pos=n,g=m,c=3,n=p |
मनोज्ञैः | मनोज्ञ | pos=a,g=m,c=3,n=p |
स्तुति | स्तुति | pos=n,comp=y |
मुखर | मुखर | pos=a,comp=y |
सुर | सुर | pos=n,comp=y |
स्त्री | स्त्री | pos=n,comp=y |
सहस्र | सहस्र | pos=n,comp=y |
उपगीतैः | उपगा | pos=va,g=m,c=3,n=p,f=part |
दृष्ट्वा | दृश् | pos=vi |
अग्रे | अग्र | pos=n,g=n,c=7,n=s |
मञ्जुघोषम् | मञ्जुघोष | pos=n,g=m,c=2,n=s |
भवतु | भू | pos=v,p=3,n=s,l=lot |
कलकलः | कलकल | pos=n,g=m,c=1,n=s |
साम्प्रतम् | सांप्रतम् | pos=i |
नारकाणाम् | नारक | pos=n,g=m,c=6,n=p |