बोधिचर्यावतारः — 1.34
Original
Segmented
इति सत्त्र-पत्यौ जिनस्य पुत्रे कलुषम् स्वे हृदये करोति यः च कलुष-उदय-सङ्ख्यया स कल्पान् नरकेषु आवसति इति नाथ आह
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
इति | इति | pos=i |
सत्त्र | सत्त्र | pos=n,comp=y |
पत्यौ | पति | pos=n,g=m,c=7,n=s |
जिनस्य | जिन | pos=n,g=m,c=6,n=s |
पुत्रे | पुत्र | pos=n,g=m,c=7,n=s |
कलुषम् | कलुष | pos=n,g=n,c=2,n=s |
स्वे | स्व | pos=a,g=n,c=7,n=s |
हृदये | हृदय | pos=n,g=n,c=7,n=s |
करोति | कृ | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
यः | यद् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
च | च | pos=i |
कलुष | कलुष | pos=n,comp=y |
उदय | उदय | pos=n,comp=y |
सङ्ख्यया | संख्या | pos=n,g=f,c=3,n=s |
स | तद् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
कल्पान् | कल्प | pos=n,g=m,c=5,n=s |
नरकेषु | नरक | pos=n,g=m,c=7,n=p |
आवसति | आवस् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
इति | इति | pos=i |
नाथ | नाथ | pos=n,g=m,c=1,n=s |
आह | अह् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |