अमरुशतकम् — 34
Original
Segmented
कोपो यत्र भ्रूकुटि-रचना निग्रहो यत्र मौनम् यत्र अन्योन्य-स्मितम् अनुनयः यत्र दृष्टिः प्रसादः तस्य प्रेमन् तत् इदम् अधुना वैषमम् पश्य जातम् त्वम् पाद-अन्ते लुठसि नहि मे मन्यु-मोक्षः खलायाः
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
कोपो | कोप | pos=n,g=m,c=1,n=s |
यत्र | यत्र | pos=i |
भ्रूकुटि | भ्रूकुटि | pos=n,comp=y |
रचना | रचना | pos=n,g=f,c=1,n=s |
निग्रहो | निग्रह | pos=n,g=m,c=1,n=s |
यत्र | यत्र | pos=i |
मौनम् | मौन | pos=n,g=n,c=1,n=s |
यत्र | यत्र | pos=i |
अन्योन्य | अन्योन्य | pos=n,comp=y |
स्मितम् | स्मित | pos=n,g=n,c=1,n=s |
अनुनयः | अनुनय | pos=n,g=m,c=1,n=s |
यत्र | यत्र | pos=i |
दृष्टिः | दृष्टि | pos=n,g=f,c=1,n=s |
प्रसादः | प्रसाद | pos=n,g=m,c=1,n=s |
तस्य | तद् | pos=n,g=m,c=6,n=s |
प्रेमन् | प्रेमन् | pos=n,g=,c=6,n=s |
तत् | तद् | pos=n,g=n,c=2,n=s |
इदम् | इदम् | pos=n,g=n,c=2,n=s |
अधुना | अधुना | pos=i |
वैषमम् | वैषम | pos=n,g=n,c=2,n=s |
पश्य | पश् | pos=v,p=2,n=s,l=lot |
जातम् | जन् | pos=va,g=n,c=2,n=s,f=part |
त्वम् | त्वद् | pos=n,g=,c=1,n=s |
पाद | पाद | pos=n,comp=y |
अन्ते | अन्त | pos=n,g=m,c=7,n=s |
लुठसि | लुठ् | pos=v,p=2,n=s,l=lat |
नहि | नहि | pos=i |
मे | मद् | pos=n,g=,c=6,n=s |
मन्यु | मन्यु | pos=n,comp=y |
मोक्षः | मोक्ष | pos=n,g=m,c=1,n=s |
खलायाः | खला | pos=n,g=f,c=6,n=s |