अमरुशतकम् — 103
Original
Segmented
चक्षुः-प्रीति-प्रसक्ते मनसि परिचये चिन्तय्-अभ्युपाये रागे याते अतिभूमिम् विकसति सुतराम् गोचरे दूतिकायाः आस्ताम् दूरेण तावत् स रभस-दयित-आलिङ्गन-आनन्द-लाभः तद्-गेह-उपान्त-रथ्या-भ्रमणम् अपि पराम् निर्वृतिम् संतनोति
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| चक्षुः | चक्षुस् | pos=n,comp=y |
| प्रीति | प्रीति | pos=n,comp=y |
| प्रसक्ते | प्रसञ्ज् | pos=va,g=n,c=7,n=s,f=part |
| मनसि | मनस् | pos=n,g=n,c=7,n=s |
| परिचये | परिचय | pos=n,g=m,c=7,n=s |
| चिन्तय् | चिन्तय् | pos=va,comp=y,f=part |
| अभ्युपाये | अभ्युपाय | pos=n,g=m,c=7,n=s |
| रागे | राग | pos=n,g=m,c=7,n=s |
| याते | या | pos=va,g=m,c=7,n=s,f=part |
| अतिभूमिम् | अतिभूमि | pos=n,g=f,c=2,n=s |
| विकसति | विकस् | pos=va,g=m,c=7,n=s,f=part |
| सुतराम् | सुतराम् | pos=i |
| गोचरे | गोचर | pos=n,g=m,c=7,n=s |
| दूतिकायाः | दूतिका | pos=n,g=f,c=6,n=s |
| आस्ताम् | आस् | pos=v,p=3,n=s,l=lot |
| दूरेण | दूर | pos=a,g=n,c=3,n=s |
| तावत् | तावत् | pos=i |
| स | स | pos=i |
| रभस | रभस | pos=n,comp=y |
| दयित | दयित | pos=a,comp=y |
| आलिङ्गन | आलिङ्गन | pos=n,comp=y |
| आनन्द | आनन्द | pos=n,comp=y |
| लाभः | लाभ | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| तद् | तद् | pos=n,comp=y |
| गेह | गेह | pos=n,comp=y |
| उपान्त | उपान्त | pos=n,comp=y |
| रथ्या | रथ्या | pos=n,comp=y |
| भ्रमणम् | भ्रमण | pos=n,g=n,c=1,n=s |
| अपि | अपि | pos=i |
| पराम् | पर | pos=n,g=f,c=2,n=s |
| निर्वृतिम् | निर्वृति | pos=n,g=f,c=2,n=s |
| संतनोति | संतन् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |