2023-04-02 14:31:09 by Pathan Vali Khan
This page has been fully proofread once and needs a second look.
कृतिरियं सर्व्वज्ञमित्रपादानां काश्मीरिकाणां[^१] ताराचरणाब्ज-
धूसराणाम् ।
विधाय टीकां यदलम्भि शम्भो-
गिरीशसङ्काशमसीमशोभम् ।
शुभं मया तारिणि स्रग्धरायाः
स्तुतेर्जगत्तेन तवास्तु बुद्धम् ॥
श्रीमद्विक्रमशीलदेवमहाविहारीयराजगुरुपण्डितभिक्षु-
श्रीजिनरक्षितकता बालार्कस्तुति-
टीका परिसमाप्ता ।
ग्लाविभेभेन्दु (१८८१) कलिते चैत्रे श्यामेभमे[^२] तिथौ ।
मङ्गले दिवसेऽलेखत् स्रग्धरास्तुतिपुस्तकम् ॥
----------------------
-----------------------------------------------------------------------------------------
[^१] Orig. न । [^२] Orig. श्यामेयमे ।
धूसराणाम् ।
विधाय टीकां यदलम्भि शम्भो-
गिरीशसङ्काशमसीमशोभम् ।
शुभं मया तारिणि स्रग्धरायाः
स्तुतेर्जगत्तेन तवास्तु बुद्धम् ॥
श्रीमद्विक्रमशीलदेवमहाविहारीयराजगुरुपण्डितभिक्षु-
श्रीजिनरक्षितकता बालार्कस्तुति-
टीका परिसमाप्ता ।
ग्लाविभेभेन्दु (१८८१) कलिते चैत्रे श्यामेभमे[^२] तिथौ ।
मङ्गले दिवसेऽलेखत् स्रग्धरास्तुतिपुस्तकम् ॥
----------------------
-----------------------------------------------------------------------------------------
[^१] Orig. न । [^२] Orig. श्यामेयमे ।