2023-03-29 17:14:05 by Pathan Vali Khan
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धूसराणाम् ।
विधाय टोकां बदलन्धि शम्भो
गिरीशसङ्काशमलौमशोभम् ।
शुभं मया तारिणि स्रग्धरायाः
स्तुते र्जगत्तेन तवास्तु बुद्धम् ॥
श्रौमविक्रम शौलदेवमहाविहारीयराजगुरुपण्डितभिक्षु-
श्रौजिनरचितकता बालार्कस्तुति -
टोका परिषमाप्ता ।
खाविभेभेन्दु (१८८१) कलिते चैत्रे श्यामेभमे[^२] तिथौ ।
मङ्गले दिवसेऽलेखत् खग्धरास्तुतिपुस्तकम् ॥
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[^१] Orig. न ।