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बौद्धस्तोत्रसंग्रहः ।
 
कृतिरियं सर्व्वज्ञमित्रपादानां कामौरिकाणां'[^१] ताराचरणान-

धूसराणाम् ।
 

 
विधाय टोकां बदलन्धि शम्भो

गिरीशसङ्काशमलौमशोभम् ।
 

 
शुभं मया तारिणि स्रग्धरायाः

स्तुते र्जगत्तेन तवास्तु बुद्धम् ॥
 

 
श्रौमविक्रम शौलदेवमहाविहारीयराजगुरुपण्डितभिक्षु-

श्रौजिनरचितकता बालार्कस्तुति -

टोका परिषमाप्ता ।
 

 
खाविभेभेन्दु (१८८१) कलिते चैत्रे श्यामेभमे[^२] तिथौ ।

मङ्गले दिवसेऽलेखत् खग्धरास्तुतिपुस्तकम् ॥
 

 
 
 
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[^१]
Orig. न ।
 
[^] Orig. श्यामेयमे ।