2023-03-31 15:51:49 by Pathan Vali Khan
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विश्रान्ताः सुखालौना ये ते तथा । इह तु
गतग्रामो
करिणं निगदितुमाह--
दानाम्भःपूर्य्यमाणो[^४]
दन्तान्तोत्तुङ्गदोलातलतुलित[^८]तनुस्त्वामनुस्मृत्य मृत्युं
प्रत्याचष्टे प्रहृष्टः पृथुशिखर[^९]शिरःकोटिकोट्टोपविष्टः[^१०] ॥ १२ ॥
॥ १२ ॥ दानाम्भ इत्यादि--
हे दुर्
विभाव्य मरणं प्रति
उन्नतं[^११] दोलातलं प्रेङ्खस्वरूपं हिन्दोलेति प्रसिद्धं तत्र तुलिता[^१२]
तु
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[^१] Orig. omits: । [^२] Orig. omits: ।
[^३] Orig. यत्र वेश्मनि तत्र । [^४] A, B. पूर्य्यमानो ।
[^५] A. रोलम्ब । [^६] A. ठुङ्कार ।
[^७] A. द्वेषबह्ने द्विपस्य [^८] A. त्तुलित । [^९] B. शिषर ।
[^१०] A. कोटोपविष्ट । [^११] Orig. omits: ।
[^१२] Orig. तुलिमालीकृता । [^१३] Orig. शिषरो ।