2023-02-27 23:25:08 by ambuda-bot
This page has not been fully proofread.
उपसर्गयोगेन भिन्नार्थकानां धातूनाम् अनुक्रमणिका ॥
धातुः
अय्
आप्
आसू
इ
कल्
क.म्यू
ग्रह
चक्षु
चर्
त्रि
ate to the new ho to
दा
धा
पाठ्
बन्धू
भा
मज्जू
पृष्ठम्
16 उत्, परा
49 अव, सम्. प्र, वि
अधि, अनु, उप, उत्
98
29
उपसर्गाः
सम्
39 अप, अव, उप, परि, प्र, प्रति, वि, सम्
84 आ, वि, सम्
31
अति, अधि, अनु, उप, अभि, अव, प्रति, वि, व्यप
अनु
7 अनु, नि, परि, प्रति, वि, सम्
पद् 16
71 आ, प्रत्या, व्या
42 प्र, वि, सम्
51 निस्, परि, वि, सम्
87 परा, वि
29 आ, वि, अनु
61 अव, वि, उत्, निस्
75 आ, उप
76
अतिसम्, अपि (पि) अभि, अव, नि, परि, सम्
आ, उत्, उप, निष्, प्र, प्रति, वि, विप्रति, सम्
82 आ, उत्, उप, निस्, प्रति, आ
65 अनु, उत्, निर्, प्रति, सं, आ
सम्,
13
प्रति, वि, अनु
61 उत्, प्र
धातुः
अय्
आप्
आसू
इ
कल्
क.म्यू
ग्रह
चक्षु
चर्
त्रि
ate to the new ho to
दा
धा
पाठ्
बन्धू
भा
मज्जू
पृष्ठम्
16 उत्, परा
49 अव, सम्. प्र, वि
अधि, अनु, उप, उत्
98
29
उपसर्गाः
सम्
39 अप, अव, उप, परि, प्र, प्रति, वि, सम्
84 आ, वि, सम्
31
अति, अधि, अनु, उप, अभि, अव, प्रति, वि, व्यप
अनु
7 अनु, नि, परि, प्रति, वि, सम्
पद् 16
71 आ, प्रत्या, व्या
42 प्र, वि, सम्
51 निस्, परि, वि, सम्
87 परा, वि
29 आ, वि, अनु
61 अव, वि, उत्, निस्
75 आ, उप
76
अतिसम्, अपि (पि) अभि, अव, नि, परि, सम्
आ, उत्, उप, निष्, प्र, प्रति, वि, विप्रति, सम्
82 आ, उत्, उप, निस्, प्रति, आ
65 अनु, उत्, निर्, प्रति, सं, आ
सम्,
13
प्रति, वि, अनु
61 उत्, प्र