2022-09-11 04:59:39 by anunad
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  घिनुण् ( इन् )
  
  
  
घुरच् (उर)
ड (अ)
डु (उ)
(अ)
   
  
  
  
ण
   
  
  
  
(उ
   
  
  
  
णिनि (इन् )
   
  
  
  
णमुल (अम्)
ण्यत् ( य )
ण्वुल् ( अक)
   
  
  
  
तृच्
तुमुन् (तुम् )
   
  
  
  
नः
   
  
  
  
यत्
   
  
  
  
र
   
  
  
  
ल्यप् (य)
ल्युट् (अन)
   
  
  
  
वनिप्
   
  
  
  
वरच्
   
  
  
  
:)
   
  
  
  
वुञ्
   
  
  
  
बुन्
श ( अ )
शतृ (अत्)
शानच् (आन या मान )
ष्ट्रन् (त्र)
तद्धित तथा उणादि प्रत्यय
   
  
  
  
(अक)
   
  
  
  
अञ् (अ)
   
  
  
  
अण् (अ)
असुन् (अस्)
अस्ताति ( अस्तात् )
   
  
  
  
आलच्
   
  
  
  
आलुच्
   
  
  
  
इञ्
   
  
  
  
इतच्
   
  
  
  
इमनिच् ( इमन् )
   
  
  
  
इलच्
   
  
  
  
इष्ठन्
   
  
  
  
इस्
   
  
  
  
ईकक् (ईक )
ईयसुन् ( ईयस् )
   
  
  
  
ईरच्
   
  
  
  
उरच्
   
  
  
  
उलच्
   
  
  
  
ऊड
   
  
  
  
योगिन्, त्यागिन्
भङ्ग र
   
  
  
  
दूरगः,
   
  
  
  
प्रभुः
   
  
  
  
ग्राहः
   
  
  
  
स्थायिन
   
  
  
  
स्मारं स्मारं
   
  
  
  
कार्य
   
  
  
  
पाठक
   
  
  
  
कर्तृ
   
  
  
  
कतुंम्
   
  
  
  
प्रश्न
   
  
  
  
गेय, देय
   
  
  
  
हिंस्र
   
  
  
  
आदाय
   
  
  
  
पटनं, करणम
   
  
  
  
यज्वन्
   
  
  
  
ईश्वर
   
  
  
  
निन्दक
   
  
  
  
क्रिया
   
  
  
  
पचत्
   
  
  
  
गयान, वर्तमान
   
  
  
  
शस्त्रम्, अस्त्रम्
   
  
  
  
उदाहरण
   
  
  
  
औत्मः,
   
  
  
  
शवः
   
  
  
  
सरस्, तपम्
   
  
  
  
अधस्तात्
वाचाल
   
  
  
  
दयाल
   
  
  
  
दाशरथि,
   
  
  
  
कुसुमित
   
  
  
  
गरिमन्,
   
  
  
  
फेनिल
   
  
  
  
गरिष्ठ
   
  
  
  
ज्योतिस्
   
  
  
  
शक्तिीक,
   
  
  
  
ऱघीयम्
   
  
  
  
शरीर
   
  
  
  
दन्तुर
   
  
  
  
हर्षल
   
  
  
  
कर्कन्थ्
   
  
  
  
12
   
  
  
  
एद्यमुच् (एद्यम )
   
  
  
  
क
   
  
  
  
वस्न (ग्न )
   
  
  
  
खञ् (ईन)
   
  
  
  
डीप
   
  
  
  
(ई)
   
  
  
  
चणम्
   
  
  
  
छ (ईय)
   
  
  
  
ञ (अ)
   
  
  
  
व्य (य)
   
  
  
  
ट्युल (तन )
   
  
  
  
ठक् ।
   
  
  
  
ट्ञ
   
  
  
  
टन्
   
  
  
  
डतमच ( अनम )
   
  
  
  
इतर ( अतर )
   
  
  
  
ढक् ( एप )
   
  
  
  
ण्य ( य )
   
  
  
  
तरप् (नर, तम)
}
   
  
  
  
तमप्
तमिल (तम् )
   
  
  
  
त्यक्
   
  
  
  
त्यप्
   
  
  
  
(इक )
   
  
  
  
बलू
   
  
  
  
थाल्
   
  
  
  
दघ्नच्
   
  
  
  
फक
   
  
  
  
फञ्
   
  
  
  
म
   
  
  
  
मतृप् ( मन )
   
  
  
  
मतृप् (वत् )
   
  
  
  
मयड्
   
  
  
  
मात्रच्
   
  
  
  
य
   
  
  
  
यन्
   
  
  
  
र
   
  
  
  
वलच्
   
  
  
  
विनि
   
  
  
  
}
   
  
  
  
(आयन)
   
  
  
  
प्कन् ( क )
   
  
  
  
प्यञ ( 4 )
मन् ( म )
ह्
   
  
  
  
अन्येद्य
   
  
  
  
राष्ट्रकम्, सुवर्णकम्
   
  
  
  
मगी.
   
  
  
  
अक्षर वण
स्वदीय, भवदीय,
   
  
  
  
पोवंशाः
   
  
  
  
पाञ्चजन्यः
   
  
  
  
सायतन
   
  
  
  
धार्मिक,
   
  
  
  
नै शिक
   
  
  
  
बौद्धिक
   
  
  
  
कतम
कतर
कौन्तेय, गाङ्गेय
दन्य
   
  
  
  
प्रियतर
   
  
  
  
प्रियतम
   
  
  
  
मुलतः
   
  
  
  
पाश्चात्य
   
  
  
  
अत्रत्य
   
  
  
  
कुत्र, सर्वत्र
सर्वथा
जान्दघ्न
आश्वलायन
   
  
  
  
वात्स्यायन
   
  
  
  
मध्यम
   
  
  
  
श्रीमत्
   
  
  
  
बलवत्
   
  
  
  
जलमय
ऊम्मात्र
   
  
  
  
सभ्यः,
   
  
  
  
गाग्यः
   
  
  
  
मधुर
   
  
  
  
मांसल
   
  
  
  
रजस्वला
   
  
  
  
यशस्विन्
पथिक
   
  
  
  
मौन्दर्य, नैपुण्य
चिकीर्पा
   
  
  
  
इह
   
  
  
  
  
घुरच् (उर)
ड (अ)
डु (उ)
(अ)
ण
(उ
णिनि (इन् )
णमुल (अम्)
ण्यत् ( य )
ण्वुल् ( अक)
तृच्
तुमुन् (तुम् )
नः
यत्
र
ल्यप् (य)
ल्युट् (अन)
वनिप्
वरच्
:)
वुञ्
बुन्
श ( अ )
शतृ (अत्)
शानच् (आन या मान )
ष्ट्रन् (त्र)
तद्धित तथा उणादि प्रत्यय
(अक)
अञ् (अ)
अण् (अ)
असुन् (अस्)
अस्ताति ( अस्तात् )
आलच्
आलुच्
इञ्
इतच्
इमनिच् ( इमन् )
इलच्
इष्ठन्
इस्
ईकक् (ईक )
ईयसुन् ( ईयस् )
ईरच्
उरच्
उलच्
ऊड
योगिन्, त्यागिन्
भङ्ग र
दूरगः,
प्रभुः
ग्राहः
स्थायिन
स्मारं स्मारं
कार्य
पाठक
कर्तृ
कतुंम्
प्रश्न
गेय, देय
हिंस्र
आदाय
पटनं, करणम
यज्वन्
ईश्वर
निन्दक
क्रिया
पचत्
गयान, वर्तमान
शस्त्रम्, अस्त्रम्
उदाहरण
औत्मः,
शवः
सरस्, तपम्
अधस्तात्
वाचाल
दयाल
दाशरथि,
कुसुमित
गरिमन्,
फेनिल
गरिष्ठ
ज्योतिस्
शक्तिीक,
ऱघीयम्
शरीर
दन्तुर
हर्षल
कर्कन्थ्
12
एद्यमुच् (एद्यम )
क
वस्न (ग्न )
खञ् (ईन)
डीप
(ई)
चणम्
छ (ईय)
ञ (अ)
व्य (य)
ट्युल (तन )
ठक् ।
ट्ञ
टन्
डतमच ( अनम )
इतर ( अतर )
ढक् ( एप )
ण्य ( य )
तरप् (नर, तम)
}
तमप्
तमिल (तम् )
त्यक्
त्यप्
(इक )
बलू
थाल्
दघ्नच्
फक
फञ्
म
मतृप् ( मन )
मतृप् (वत् )
मयड्
मात्रच्
य
यन्
र
वलच्
विनि
}
(आयन)
प्कन् ( क )
प्यञ ( 4 )
मन् ( म )
ह्
अन्येद्य
राष्ट्रकम्, सुवर्णकम्
मगी.
अक्षर वण
स्वदीय, भवदीय,
पोवंशाः
पाञ्चजन्यः
सायतन
धार्मिक,
नै शिक
बौद्धिक
कतम
कतर
कौन्तेय, गाङ्गेय
दन्य
प्रियतर
प्रियतम
मुलतः
पाश्चात्य
अत्रत्य
कुत्र, सर्वत्र
सर्वथा
जान्दघ्न
आश्वलायन
वात्स्यायन
मध्यम
श्रीमत्
बलवत्
जलमय
ऊम्मात्र
सभ्यः,
गाग्यः
मधुर
मांसल
रजस्वला
यशस्विन्
पथिक
मौन्दर्य, नैपुण्य
चिकीर्पा
इह