2022-08-21 17:55:40 by anunad
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छात्रों की आवश्यकता का विशेष ध्यान रखकर इस कोष को और भी अधिक उपादेय बनाने के लिए प्राय:
शब्दों की रचना में उपसर्ग और प्रत्ययों का बड़ा महत्त्व है। इनकी पूरी जानकारी तो व्याकरण के पढ़ने
उपसर्ग
उपसर्ग धातुओं के पूर्व लग कर उनके अर्थों में विभिन्नता ला देते हैं
उपसर्ग उदाहरण
उपसर्ग
अघि
अनु
अप
अप अपयशः
अपि
अभि
अव
अव अवतरणम्
आ
उत
उत उत्थाय, उद्गमनम्
उप उपगमनम्
दुस् दुस्तरणम्
दुर् दुर्भाग्यम्
नि निदेश:
निस् निस्तारणम्
निर् निर्धन
परा पराजयः
परि परिव्राजकः
प्र प्रबल
प्रति प्रतिक्रिया
वि विज्ञानम्
सु सुकर
प्रत्यय—धातुओं
तद्धित
कृत्प्रत्यय
अ, अङ
अच्, अप्
अनीयर्
इष्णु च्
अत्यधिकम्
अधि
अनुगमनम्
अपयशः
पिधानम्
अभिभाषणम्
अवतरणम्
आगमनम्
उत्थाय, उद्गमनम्
उदाहरण
पिपठिषा
छिदा,
पचः, सरः
करः
कुम्भकारः
वेपथु:
करणीय, दर्शनीय,
जिगमिपुः
स्पृहयालु
कारुः, पचि:,
उप
BEMEEE F = Atom
स्तनयित्नु
रोचिष्णु
जिगमिपुः
कारुः,
दुस्
नि/
निस्
निर्
परि
प्र
प्रति
वि
के पश्चात् लगने वाले प्रत्यय कृत् प्रत्यय कहलाते हैं । शब्दों के पश्चात् लगने वाले प्रत्यय
सु
ऊक
क ( अ )
कि (इ)
कुरच्
क्त ( त, न )
क्तवत् ( तवत् )
कितन् (ति)
क्त्वा ( त्वा )
कु (नु )
क्यच्
क्यप् (य)
क्रु (रु)
क्वरप् (वर)
विप्
उपगमनम्
दुस्तरणम्
दुर्भाग्यम्
निदेश:
खच् (अ)
घञ (अ)
निस्तारणम्
निर्धन
पराजयः
परिव्राजकः
प्रबल
प्रतिक्रिया
विज्ञानम्
सुकर
क ( अ ) ज्ञः, दः,
कि (इ) चक्रिः,
कुरच् विदुर,
क्त ( त, न ) हत, छिन्न,
उक्तवत्,
कितन् (ति) कृतिः
कु (नु ) गृध्नु
क्रु (रु) भीरु
विप् स्पृक्, वाक्
खच् (अ) स्तनंधयः
घञ (अ) त्यागः, पाक: