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पादान्ते आद्याक्षरविच्छिन्न
पारतन्त्र्यं परासक्ता
पायंभीष्मकृपद्रोण-
पावंतीपतिपादाब्ज-
पार्श्वः सोऽस्तु मुदेन तस्य
पावकाम्भोमरुभूमि-
पिण्डिताकृतिवृत्तानि
पिनाकाच्च कपालाच्च
 
पिप्पली पिप्पलीमूल-
पीड्यमानादृढं ताभ्यां
पीतरक्तौ वसुहरी
पतिश्यामौ लोहोत्तम-
पतिश्वेतो गौरद्विज
 
पोतानि ब्रह्मसूर्येन्द्र
पीतांऽशुक: कृष्णपत्र-
पीत सदाधिकपट:
पीयूषमौषधिषु शाखिषु
पीवरज्वालयोद्योती
पुञ्जेन मञ्जुञ्जातेन
पुण्यनरदृष्टचन्द्रा
पुरनुपकुमारमन्त्रिप्रयाण
 
पुराऽवात्सुरिह च्छात्रा
पुरेऽट्टपरिखवप्र-
पुरोधःकरकौपीने
पुरोहिते स्मृतिर्वेदा
पुलिनं पीठफलके
पुष्पाणि पाणिदेशेऽसौ-
पुण्यावचये पुष्पावचयः
पुंसोऽङ्गे तूपमानानां
पूगशोणाश्मबन्धूक-
पूतनायाः शाल्वात् कंस-
पुरोचितप्रमोदितप्राग्र-
काव्य कल्पलतावृत्तिः
 
पूर्णिमेन्दुः सितच्छायः
पूर्वपदसम्बद्धाना-
पूर्वभूधरशिरस्तटी-
पूर्वादेगिरयोऽस्ताद्रा-
पूर्वं सर्वगुरोः पादा-
१८३ पृथिव्यामब्धिभ्यो नेमी-
१६२
 
४७
 
१६
१८३
 
१८७
 
१३२
 
१६२
 
प्रकाशयन् सदाध्यान-
प्राणिधानसुधाधान-
प्रतापतपनोद्योति-
प्रतिज्ञाचन्द्रिकाचन्द्रः
 
प्रतिज्ञाचन्द्रिकापूर-
प्रतिज्ञावाहिनीपूर-
८ प्रतिज्ञावाहिनीपूर-
१५६ प्रतिपक्षक्षमानाथ-
प्रतिपनं प्रतिज्ञा च
 
८३
 
प्रतिवीरमल्लनायक
 
३०
 
प्रतीद्यां यदि मार्तण्ड:
 
८३
 
प्रथमजिनभवा द्योषा
 
शा
 
१९४
 
४६ प्रथमेऽनुष्टुभः पादे-
प्रधानसन्धानज्येष्ठ-
१२
 
१०
 
प्रत्यग्राव्यग्रताभव्य-
प्रत्यथिपृथिवीपाल-
३४ प्रत्यथिपृथ्वीहृदयाधिनाथ
 
१६६ प्रत्यनीकावनीकान्त
 
३३
 
१३७
 
१३
 
३६
 
१८७
 
१८९
 
६२
 
६१
 
प्रत्याख्यानममानव
 
प्रत्याख्यानान्तद्धि
 
प्रत्यादेशापि च मधुनो
 
प्रबलप्रसभप्रकटभाव
 
१३७ प्रभावराजनीरागो-
१६४ प्रभूतभूतं प्रचुरप्रचारं
प्रमिताक्षरा सगणतो-
६८ प्रमाणरणखड्गादि-
४७
 
१६६
 
४८
 
४८
 
८२
 
५२
 
१४७
 
१४८
 
१४६
 
१४६
 
१४७
 
१४
 
१८४
 
६१
 
२००
 
१९२
 
१६
 
५०
 
५२
 
१३
 
१४
 
१३
 
६२
 
१९
 
६५
 
५०
 
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