2023-04-09 14:29:48 by ambuda-bot
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तृतीयप्रताने पञ्चमः स्तबका
भास्वदम्भोजनिलया निर्भाग्यजनदुर्लभा ।
भागधेयं भावभृतां तनोतु प्रतिभामयम् ॥ १४ ॥
निर्भाग्य-
जनदुर्ल
स्-तो भ क्त गो व ह ग या स्तुतपदाम्बु
ग्र ल्कुन्देन्दु मन्दा र श र' द व स म ष्र
ग
शं
य
खवबन्धः ॥
खदम्भोज-
निलया
नोतुप्रतिभा विभृतांत
:
१२२
भास्वदम्भोजनिलया निर्भाग्यजनदुर्लभा ।
भागधेयं भावभृतां तनोतु प्रतिभामयम् ॥ १४ ॥
निर्भाग्य-
जनदुर्ल
स्-तो भ क्त गो व ह ग या स्तुतपदाम्बु
ग्र ल्कुन्देन्दु मन्दा र श र' द व स म ष्र
ग
शं
य
खवबन्धः ॥
खदम्भोज-
निलया
नोतुप्रतिभा विभृतांत
:
१२२