2023-04-09 14:29:48 by ambuda-bot
This page has not been fully proofread.
तृतीयप्रताने पश्चम स्तबक
१२७
लव सानन्द विलेपना यक्षकदंम घनसार स्थासक कम्बलम् नववसन
शयन बोध ऊर्ध्व लोक अमरा: असुराः विमाना गभस्ति वसुधा सुधा अय्यंमा
तरुणि अ अर्य्यस अर्कतः पतङ्ग विरोचन हरि आतपी आतपी लक्ष्मप मङ्गल
अङ्गारक उशना आगस्त्या उपराग वासर विभात त्रियाम तिमिर हेम अल्पक
अन्तरिक्ष आकाशम् अम्बरम् अनघ बलाहका आसार अपरा विदिक् कौशिक
मातलि अमरावती मन्दार सन्तान अतिभी लेखक कौणप यातुधान कुबेर
धनदा अलका अणुस्था अजगवम् अलीका महादेवी एकदन्त शतानन्द
उत्सवश्रीः नरक अलम्ब अङ्गज दनुज सरस्वती अतिहास वैनतेय अर्थवाद
कौलीन विगान आक्रोश आक्षेप अभिख्या सम्भाषा नियोग गन्धर्व्व अनुत्तरे
चर्व्वण अन्ववाय जनन धाना अक्षत पत्रल उपल दधिसार न्याय अदन आशंसा
: अविनीत क्षारित अंसल मांसल विकलाङ्ग पाटव राजयक्ष्मा कुरङ्ग उपचार
हरिद्रा राग व्राती सभासद पीत दम्भ अङ्गमर्दक ऊर्ध्वन्दम अतिजव जवन
आराधना धन्योऽसि बक पदाति आवेशक पाद्य सम्मता ।
---
ग्रामेय कुलीना रामा ललना अङ्गण उपमानेन विलास चर्या वल्लभा
दम्पती भोगिन्यौ स्वतन्त्रा मातुलानी श्यामा कात्यायनी वारवधू आतंप
संवेदन दोहद आसन्नसत्त्वा कलल दास सोदर अवरज कनीयान् मातुला
•ननान्दा ननन्दा नन्दिनी हाली परिहास देवन उपमानी वीरमाता श्वशुर
पितर त्राता बान्धव आयतन खालक कुणप कबन्ध अवयव राशिक लाप
भ्रमरक अलका भ्रमरा लक संयता सीमान्त केशपाश काकपक्ष वेष्टन
भावनीय अवलोकन निशामन द्योतन अयाङ्ग विकार नासिका जीभा
रसना कन्धरा अनामिका कामाङ्कश तिलक रोमलता आरोह जघन
वराङ्ग जङ्गल पलल परिकर्म अङ्गराग संवर्त्तन कीलक नायिका तरल
ललामक लज्जा कर्णपूर कर्णिकाहारी अङ्गद वलय रसना सारसन कार्पास
उच्चल जलार्द्र ललिम तलिमा यावक कज्जल दीप पार्थिव त्रिशङ्कु ।
एकार्थं त्वेऽनुलोमप्रतिलोमशब्दाः, यथा-
-
कलङ्क पतदातप वासवा कौशिकौ विभवि कालिका तावता कारिका
कीरकी नयन अपलाप नर्त्तन नन्दन साध्वसा वरभैरव कलपुलक कटक कण्टक
नध्यान जाड्यजा नपुनः दैत्यदे: महेम आकर्णिक आयास्तया कोलकोपोत्ययो
१२७
लव सानन्द विलेपना यक्षकदंम घनसार स्थासक कम्बलम् नववसन
शयन बोध ऊर्ध्व लोक अमरा: असुराः विमाना गभस्ति वसुधा सुधा अय्यंमा
तरुणि अ अर्य्यस अर्कतः पतङ्ग विरोचन हरि आतपी आतपी लक्ष्मप मङ्गल
अङ्गारक उशना आगस्त्या उपराग वासर विभात त्रियाम तिमिर हेम अल्पक
अन्तरिक्ष आकाशम् अम्बरम् अनघ बलाहका आसार अपरा विदिक् कौशिक
मातलि अमरावती मन्दार सन्तान अतिभी लेखक कौणप यातुधान कुबेर
धनदा अलका अणुस्था अजगवम् अलीका महादेवी एकदन्त शतानन्द
उत्सवश्रीः नरक अलम्ब अङ्गज दनुज सरस्वती अतिहास वैनतेय अर्थवाद
कौलीन विगान आक्रोश आक्षेप अभिख्या सम्भाषा नियोग गन्धर्व्व अनुत्तरे
चर्व्वण अन्ववाय जनन धाना अक्षत पत्रल उपल दधिसार न्याय अदन आशंसा
: अविनीत क्षारित अंसल मांसल विकलाङ्ग पाटव राजयक्ष्मा कुरङ्ग उपचार
हरिद्रा राग व्राती सभासद पीत दम्भ अङ्गमर्दक ऊर्ध्वन्दम अतिजव जवन
आराधना धन्योऽसि बक पदाति आवेशक पाद्य सम्मता ।
---
ग्रामेय कुलीना रामा ललना अङ्गण उपमानेन विलास चर्या वल्लभा
दम्पती भोगिन्यौ स्वतन्त्रा मातुलानी श्यामा कात्यायनी वारवधू आतंप
संवेदन दोहद आसन्नसत्त्वा कलल दास सोदर अवरज कनीयान् मातुला
•ननान्दा ननन्दा नन्दिनी हाली परिहास देवन उपमानी वीरमाता श्वशुर
पितर त्राता बान्धव आयतन खालक कुणप कबन्ध अवयव राशिक लाप
भ्रमरक अलका भ्रमरा लक संयता सीमान्त केशपाश काकपक्ष वेष्टन
भावनीय अवलोकन निशामन द्योतन अयाङ्ग विकार नासिका जीभा
रसना कन्धरा अनामिका कामाङ्कश तिलक रोमलता आरोह जघन
वराङ्ग जङ्गल पलल परिकर्म अङ्गराग संवर्त्तन कीलक नायिका तरल
ललामक लज्जा कर्णपूर कर्णिकाहारी अङ्गद वलय रसना सारसन कार्पास
उच्चल जलार्द्र ललिम तलिमा यावक कज्जल दीप पार्थिव त्रिशङ्कु ।
एकार्थं त्वेऽनुलोमप्रतिलोमशब्दाः, यथा-
-
कलङ्क पतदातप वासवा कौशिकौ विभवि कालिका तावता कारिका
कीरकी नयन अपलाप नर्त्तन नन्दन साध्वसा वरभैरव कलपुलक कटक कण्टक
नध्यान जाड्यजा नपुनः दैत्यदे: महेम आकर्णिक आयास्तया कोलकोपोत्ययो