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१२६
काव्यकल्पलतावृत्तिः
पात्र वेष महसासभरत रसा पुत्र रङ्ग रङ्गावतार रतागारसा नसविताय
रङ्गावतार करं क्षम सकल शैलाली नामधारक धनधारक सरवक वसु नान्दो
वास वासन्तिक वैहासिकोपिता अबुकं चिर हास भावुकं भावो राज हावा हेवा
हावेन कुमार कुमारा दारक बाला स्वसा भदन्त निजा योज्या मन्तुजमनुजा
मानव पोत वशा क्षीर शैशवे नसवालता वयः ।
तरु युवा नतारुण्यपुलक चारुण्यङ्ग यौवन प्रवयाः जरयात याम विशसा
स्थविर जल्पाक यद्वद पतन यद्वदपरमा दोनावादिवन्दिता विकस्वर
वदान्यामदविधेयो दवानशूलिका स्वैरितापरवश पराधोन स्थावरव्यायाम नाल
कविवर्णना मेधा विवित विशारद सशनिमनीषितो विपत् निष्णातोन्तः रक्ष
कुशलेन दमप्रतिभान्वितः अन्तर्वाणि रसावेद वदावद पतापत घनाघन वे
दुविधोः मनः निम नियोज्य परिचारक दास वस्वतन भारिक भासे अलङ्कातर-
भीतेन महेच्छस्वया महामना: कीनाश किम्पचान देवा अनुक्रोश कदनं बन्धनं
निर्वासन निर्वापणक वर्जन कर्तन कल्पन जल्पना अवर्द्धनैः घातोद्यत आततायिन
1
नामालेखियशः तेमृतासरतापापं व्यंसक जालिक कैतव सभ्यापिशुना
व्यसनातक स्तेना ऐकागारिक स्तेय नन्द प्रणव दान त्याग अर्थ व्यय याचका
याचन सहन अशनाय रोचक पिपासु पिपासा रसा दान मस्तु तरला निला
निष्ठा नते मन रम्भा लाजा शून्य रसायन दानव भारं सभा वितं काञ्चनी धान्य
धान्याक नागरम् ।
विदेहो जनुके ग्रासो लावक उदार कामना व्यसन बन्धन रोचन
मांस पीवानं पीवर अनासिके तनु गता केशव वातकि रोम सदा सदामय पामा
रव सक्षत कलं नीलोराग लेखक कुलिक खेलिनो शिवङ्कर शवल जवो वेग
रंहः तर सेवा देवेन जव जाव सहा योगामिका गारव जात्यक्षयवंश वनिता वशा
वासा तरललोचना मनोज्ञ कहाव रजा: यातरः वया विना समे सुता मालिनो
गर्भ पौत्र वैजन नमास देवर गोलक समान नमान्दा नवर केलिना देवन पिता
महसा उपमाता घना काय देहः कुन्तला पाशा रचना केशांश: कशा केशे लपन
वदन लोचन विलालन निध्यान द्योतन लोम रदन रदना दशना पक्ष्मा मेलक
करजा खननातालिका मेद कखालम्, बलम् ।
काव्यकल्पलतावृत्तिः
पात्र वेष महसासभरत रसा पुत्र रङ्ग रङ्गावतार रतागारसा नसविताय
रङ्गावतार करं क्षम सकल शैलाली नामधारक धनधारक सरवक वसु नान्दो
वास वासन्तिक वैहासिकोपिता अबुकं चिर हास भावुकं भावो राज हावा हेवा
हावेन कुमार कुमारा दारक बाला स्वसा भदन्त निजा योज्या मन्तुजमनुजा
मानव पोत वशा क्षीर शैशवे नसवालता वयः ।
तरु युवा नतारुण्यपुलक चारुण्यङ्ग यौवन प्रवयाः जरयात याम विशसा
स्थविर जल्पाक यद्वद पतन यद्वदपरमा दोनावादिवन्दिता विकस्वर
वदान्यामदविधेयो दवानशूलिका स्वैरितापरवश पराधोन स्थावरव्यायाम नाल
कविवर्णना मेधा विवित विशारद सशनिमनीषितो विपत् निष्णातोन्तः रक्ष
कुशलेन दमप्रतिभान्वितः अन्तर्वाणि रसावेद वदावद पतापत घनाघन वे
दुविधोः मनः निम नियोज्य परिचारक दास वस्वतन भारिक भासे अलङ्कातर-
भीतेन महेच्छस्वया महामना: कीनाश किम्पचान देवा अनुक्रोश कदनं बन्धनं
निर्वासन निर्वापणक वर्जन कर्तन कल्पन जल्पना अवर्द्धनैः घातोद्यत आततायिन
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नामालेखियशः तेमृतासरतापापं व्यंसक जालिक कैतव सभ्यापिशुना
व्यसनातक स्तेना ऐकागारिक स्तेय नन्द प्रणव दान त्याग अर्थ व्यय याचका
याचन सहन अशनाय रोचक पिपासु पिपासा रसा दान मस्तु तरला निला
निष्ठा नते मन रम्भा लाजा शून्य रसायन दानव भारं सभा वितं काञ्चनी धान्य
धान्याक नागरम् ।
विदेहो जनुके ग्रासो लावक उदार कामना व्यसन बन्धन रोचन
मांस पीवानं पीवर अनासिके तनु गता केशव वातकि रोम सदा सदामय पामा
रव सक्षत कलं नीलोराग लेखक कुलिक खेलिनो शिवङ्कर शवल जवो वेग
रंहः तर सेवा देवेन जव जाव सहा योगामिका गारव जात्यक्षयवंश वनिता वशा
वासा तरललोचना मनोज्ञ कहाव रजा: यातरः वया विना समे सुता मालिनो
गर्भ पौत्र वैजन नमास देवर गोलक समान नमान्दा नवर केलिना देवन पिता
महसा उपमाता घना काय देहः कुन्तला पाशा रचना केशांश: कशा केशे लपन
वदन लोचन विलालन निध्यान द्योतन लोम रदन रदना दशना पक्ष्मा मेलक
करजा खननातालिका मेद कखालम्, बलम् ।