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काव्यकल्पलतावृत्तिः
 
आर्या आर्य अय राय ईर्या अरयः ऐयरुः दिति अदिति उदन्त दन्त दन्ति दान्त
दुत तदा तुन्द ददि आददति दूत दूति उद्दात्त दत्त उदेति ददातु दयति ददते दत्ते
'तुदति तुदतु हव हाव वाहु बाहवि बहु बहिः वाहा हाव विवाह आहव आहाव
अवहत् उवाह हविः बह्वी वही उशनाः शनि निशा अशनि: ईशान शनैः नाश
अनिश शुना शून: नाश ननाश कवि कम्बु बक कम्बी अम्बिका केवा मन्द
आमोद मुदा मोद मिमेदे दम मादाः ।
 
सायम् सेयम् सोयम् असूया आयास अयसा यस्या अयास्यन् दोषा
दोष जीव बीज वाजि जव अजीवत् अजीजवत् जिजीव आयाम यम याम
मयु मय अमेय आमय माया कुहु कुह माघ मेघ मोघ मघा शिशिर
शरत् शौरि शूर राशि शर सहस् सहसा सेहा हास हंस सोहम् सिंह
साहस सेहे असह गगन गान नाग नग अनङ्ग काश आकाश कौशिक कुशिक
केश कुश अङ्कुश शशक शकम् शुक कोश अशोक शङ्का शुक अनन्त नृत्त नीति
नत नति तेन ततान तेने आनीत तनु तनू नूतन नुन्न नेता नुति अश्र भर भार
भीरु भूरि भरी रम्भा आरम्भ बियत् वयस् वायु यव वायु युवन् अवयन् उवाय
घन घनाघन कुकुल ककुभ कुम्भ भेक कुम्भी अपांचि चम्पा चम्प अपचत् अपीपचत्
चाप चम्पू पर पार पुर पूर पौर अपर अपार आरोप पुरी उदीची उदश्वत् जम्भ
अभजत् अभञ्जि अभाजि भेजे भाज अम्भोज भोज भुज पवि वापी अवपत्
अपोपवत् उवाप पीवा अतिभी भूत भीति भित्ति भीता भाषा अभाषि भूषा
भिषक् भीषा वचस् वाचा वचा वश्व अवोचत् उवाच बीचि चञ्चु वाच अगमत्
गम आगम मागाः छन्द: आच्छाद उच्छेद अच्छिदत् ।
 
धातुः धाता धौत आधीत अधीते अधीत अधत्त धत्ते धत्तः कंस सेक
कसा अकसत् अकासि अङ्गज गज जगौ काम मूक मोक किमु कामिन्
कामुक वाणी वीणा वणिक् वेणी बाण सती सीता सूत सुत सित असित
आसित सन्ति सन्तु सतत सन्तत सेतु सीता सात मेना मेनाक मनाक्
मान मुनि मौन नेमौ नमि नौमी नुमः नामन् मेने मीन मनस् मानिन् जय
जाया जय जेय अजयत् जीयात् यज युयोज ।
 
आसीन आसन नासा गुहा गुह
 
उच्चण्ड चौड चल अञ्चल अचल
 
सेना सेनानी सूनु सूना आसन्न
हिङ्गु गूह अगूह अगाहि चण्डी चण्ड
 
चेंड चौल चञ्चल चलाचल चाचलि चूला चुल्ला चुल्ली लञ्चा आलोचे
अचलत् अचालीत् चचाल भृङ्गी भृङ्ग भोग भग भाग भङ्ग भागी भोगी
जब जाल लाजा एवमन्येऽपि ज्ञेयाः ।