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काव्यकल्पलतावृत्तिः
 
कलिका कालिका कल्लोल लङ्का लक कङ्केल्लि कील किलकिला किलकिल
अलीक अलक लङ्का टीका कटक कटकटी कटककूट कोटि कीट कीटिका
कण्टिका कृटी कुट्टाक कटुकम् कटटम् ।
 
अट्टक अटक कृत्तिका कृतान्त कान्त कुन्त अङ्कित कौतुक कङ्क कतक
केतकी केतक आकृत आतङ्क कान्ति कृत्त अक्त उक्त मुक्त अर्क कार
कारक राका कारिका क्रूर कीर वीर कोरक कारा रक आकर आकार
अङ्कुर करि करीर किरि कर्करक आरक कारु किर अकरोत् कारा अरित्
नाक कानन कनक आनक अनेक नाकि अनीक अनीकिनी द्यौः द्यः दया
दायाद दययादः यदु देयात् अदायि उदय उदाय आदाय इन्दूदयः ।
 
दिवि देव विदिक् वेद विदुः वेदवाद वन्दे वदिव वदावद दव अम्बुद
बद बदेत् अबदत् अबबाद विवाद बुदबुद अमर मरु रामा मार रमा रोम मेरु
रुमा आम्र मम ममं सुर असुर सूर आसार अस्तु सार सौरि सरसा सारस
मस्तु अनु उस्र सर सार सरु सुरा अमृत मृत मातृ ।
 
तमप्रत्यय तमस् तातमीति मिमित मत अमुत: माति मातु मत्तम् मत्त
तताम अतमि तेमे लेखा आखण्डल खण्ड खल अखेल अखेलत् अखेलि खेलत्
खलु अखिल खिल लेखा सुधा सन्धा सौध सिन्धु सीधु साधु असेधत् अधि
ससाध असाधि अनूरु नर नोर नारी विधु बुध विधि वेधाः बन्ध वध वेध
बाधा अधावत् अधावि धव वधू सीम भास सम असम सामन् मांस मीमांसा
सुम सीमन् सीमा असमत असमि अससामत् तारा उत्तरा तरस् तरु तीर रुत
रत रेतस् अतरत् अतारि तेरुः अन्तर तरु इतर अति आर्त अत्र अत्रि अन् आतुर
आद्र आर्द्र रौद्री रौद्र रुद्र ।
 
इन्दिरा दर दूर दारु दार द्रु अद्रि उदर रोदः अरुदत् अरोदीत् रुरोद
अरोद अरोदि आदर उदार इन्दिन्दिर दुरोदर रद
कक्षा कक्ष कुक्षि
आकाङ्क्षत् अकाङ्क्षि अक्ष अक्षि इक्षु उक्षन् धारा धरा धराधर धार राधा
रुधिर रोधस् धुरन्धर अधरत् अधारि धुर धुरा रवि अम्बर वीर वारंवारम्
विवर वार वर वैर वारि उवीं आरवे उर्वरा अर्वत् वव्रे वैरि वर ख अरुण रण
रोण अरिणा आरेण अरिणि आरण अर्ण: ईरण रणन् रणरण रेणु ऊण ऊर्जा
अरुणत् अराणीत् अराणि रराण ।
 
भानु नाभि नभस् सन्निभ पूषा पौष पिपेष पुपोष अपुषत् अपेषि अपोषि
हेलि हलि हल हली हेला दिन नन्दन नन्दिनु दन दीनु निन्दा नाद हुन