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७५२.
 
शान्ते मन्मथसंगरे.
शान्तो मेि
शाम्भलाश्चार्जुला०
शारीरैः कर्म ०
 
शार्ङ्ग पुनर्धनु०
शालिमण्डेन
शालेयेषु शिलातलेषु
शाल्मलीनलनि०.
शाल्मलीत्राङ्किशा०
शास्त्र सत्सङ्ग ०
शास्त्राणि तावद ०
शास्त्राधि सकलं
शिखास्थाने न्यसे ०.
 
शिखिग्रीवा तु०
शिखिपिच्छवचा०
 
शिग्रुजटारस●
शिरः कूर्च च
शिरः सुबीनं ...
शिर छायां कृष्णः
 
शिरसा धार्यमाणो
शिरसि निहितो •
शिरीषदुष्यं
शिरीषवीज ●
शिरीषशाखिना
शिलागोरोचना ०
 
. शिलानालक ०
 
शिला सम्यग्वीत.
 
शिवः शवररूपेण
 
शिवस्य शक्तिजीवोस्ति
 
शिशिरसीकर ●
 
शिष्याय मानुषं
 
शीकारातिभय
 
शीघ्रं भूमिगृहे
शीतः सुभिर्विरजाः
शीतलादित्र
शीनार्निप्रसर •
शीतास्वप्सु निषिच्य०
शीतोष्णादिभि०
शीर्ष नरस्योपविष्ट ●
शीलाविज्जामा रुला
 
शुक यतव
शुक्रतुण्डच्छवि०
शुक्रहरि नयवानां
शुकान्योक्तिस्ततो.
 
शार्ङ्गधरपद्धतिः
 
3703
 
2680
 
1677
 
717
 
1757
 
3013
 
771
 
2846
 
2279
 
4224
 
2084
 
4-620
 
1732
 
1786
 
2923
 
3010
 
3066
 
659
 
79
 
753
 
369
 
2908
 
2907
 
2097
 
3199
 
2955
 
3303
 
2870
 
4503
 
3897
 
1735
 
1473
 
3411
 
2566
 
3862
 
3933
 
619
 
4507
 
2485
 
163
 
86
 
874
 
3920
 
शुकीचञ्चूवात●
शुकशोणित ०
शुक्रेधिके भवेत्
शुचिः स्नातो विभत्र०
 
शुचि भूमिगतं
शुनिरिति परितः
 
शुद्धं हेम लक्ष्ण
शुद्धदागसमुत्पन्नं.
 
शुद्ध मूडोन०
शुद्धाशुद्धश्च
शुनकोत्तमास्मिन्..
 
शुना निमित्ताद्व०
 

 
शुभः प्राग शुभः
 
शुभः स्यात्प्रविशन्
 
शुभवासनया चेतो
शुभस्वरो यः शुभ०
शुभादनन्तरं
 
शुभाशुभाभ्यां मार्गाभ्यां
 
शुभा सदैव कौवेर्या
 
शुभ्रायाः शर०
शुक्रं पार्श्वद्वयं.
 
शुश्रूषस्त्र गुरू०
शुष्ककटि:
शूरमारोहकं कुर्यात्
शूद्रश्च ब्राह्मण
शूद्राश्चान्येषु कृत्येषु
शून्यं गमनं नि०
शून्यं वेश्म चिरा०
शून्येषु चावकाशेषु
 

 
शूलेन पाहि
शृङ्गारवीरकरुणा ०
गृङ्गिमत्स्य ०
शृणु सखि कौतक मे कं
शृणोत्याश्चर्यवन्कोपि
शेफाली शत
शेषवासुकि ०
शैत्यं नाम गुण ०
शोफवास्निग्ध०.
 
शोषं गते सरसि
 
श्यामाकपुष्पचित्राङ्गो
यामा कृष्णा शकुनि ०
 
इमानगर ०
 
25 इयामानिदीर्घ जिद्दा
 
3338
 
4290
 
4291
 
2136
 
611
 
3593
 
3050
 
1963
 
2034
 
3152
 
2336
 
2392
 
2592
 
2799
 
4200
 
2396
 
2769
 
4198
 
2503
 
1895
 
4631
 
3770
 
3107
 
1595
 
726
 
1616
 
2809
 
3774
 
4470
 
1338
 
1898
 
3073
 
2960
 
4058
 
4484
 
3207
 
2882
 
1165
 
2800
 
785
 
2832
 
2676
 
3062
 
2829