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७५०
 
दिनतः पूर्वकाग्रेन
विना मह्यं विना
विना शार्ङ्गधरं
विनैवाम्भोवाहं.
विन्ध्यमन्दर ०
 
विन्ध्याद्रिः करिसाधने
 
विपत्यशान्ये
 
विपदि वैर्य ०
 
विपन्नं पद्मिन्या
 
विधुलकुचा वृथु०
विपुलहदया०.
विप्रेभ्यो दक्षिणां
विभागेन समाना०
विमर्शक: शाकुन ०
 
विमुञ्चन्त्या प्राणा
वियत्पुच्छाच्छोटो०
विरमत घनाः किं
विरमत विरमत मुख्यो
 
विरम तिमिर
 
विरम नाथ विमुञ्च.
विरलविरलीभूना•
विरहविषमः कामी
विराजतेस्यास्तिलको
 
विरामान्तं हु.
 
विलपति तथा.
विलम्बिनो यत्र
विलासमसृणो
विलिप्तं मधुना चित्रं
 
विलोक्य संगमे
 
विकसदसित ०
 
विवादो धनसं०
विवाहार्ये शुभः
विविक्तः शान्त ०.
विवेकी सघृणो विप्र०
विशदः शम्भुत्येिते.
 
विशन्नस्थिमुखो
विशाखस्थानके
विशिष्ट कविशंसा
 
विशुद्धिः कण्टं
विशोधय मही●
 
विश्रम्य विश्रम्य वन ०
 
विश्रान्तो दिवस
विश्लेषाकुल:
विश्वस्य हेतु०.
 
शार्ङ्गधरपद्धतिः
 
1708 विश्वासहन्ना
 
4045
 
1715
 
3520
 
1064
 
1264
 
1091
 
209
 
981
 
3102
 
149
 
1880
 
1490
 
2329
 
3492
 
82
 
3898
 
3432
 
763
 
3675
 
3718
 
3572
 
3295
 
2005
 
780
 
2168
 
15
 
4299
 
1350
 
विश्वोपजीव्येषि
 
विषधरती०
 
विषपाषाण●
 
3399
 
3420
 
3592
5.12
 
विषमा मलि०
 
विषमा हरिणा गौरा
 
विषयद्वानि०
विषयेष्वपि कष्टो
 
विषहीनो यथा नागो.
 
विष्टावमिश्वास
 
विष्णुकान्ता च
 
विष्णुनाणक्षयो
 
विसंस्थुलावेश ०
 
विस्तीर्णो दीर्घ
 
विस्वरं विरसं
 
विहरन्ति जगत्ये के
 
विहाय पौरुषं..
 
वीणावंशा०
 
वीरोसी किमु०
वृकव्याघ्रतरतॄ०.
 
वृक्षं क्षीणफलं
 
वृक्षस्याशनि ०.
वृक्षमूर्ध्नि यथा..
वृक्षांछित्त्वा महाँ.
 
वृक्षान्दोलनमद्य
 
582
 
28-18
 
3586
 
वृत्तार्क सूत्र०
वृथा वृष्टिः समुद्रेषु
 
1713
 
1469
 
वृद्धकर्पास०
वृद्धदारुकमूलं
वृद्धिर्यस्य
।वृद्धोन्वः पति ०
 
2413
 
4251
 
1614
 
वृश्चिककण्टक
 

 
2339 वृश्चिको वस्तुमध्ये.
 
2442
 
1838
 
वृक्षायुर्वेद फलं
वृक्षस्यका शाखा
 
वृषणौ च समौ वृत्ती.
वेगज्वलाद्वटप
वेगादुत्सुक्रमांगते..
वेगो रोमाञ्च०
देणीवन्धकपर्दिनी..
 
वेणी विडम्बयति
वेदवेदाङ्ग ०
वेदानुद्धरते
वेदार्थशास्त्रकाव्यार्था
 
722
 
800
 
349
 
2117
 
353
 
2746
 
4391
 
4190
 
1364
 
2400
 
1888
 
4277
 
3173
 
1034
 
1961
 
4341
 
456
 
325
 
3991
 
2962
 
1543
 
2268
 
4481
 
639
 
1216
 
2276
 
2203
 
1767
 
1454
 
2948
 
2080
 
986
 
-110
 
2241
 
2541
 
1630
 
869
 
3539
 
2894
 
3168
 
3378
 
1333
 
80
 
4524