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वो चित्तेन सदा
 
O
 
त्वां चिन्तापरि
त्वामालिख्य प्रणय
 
व्यङ्गुलायां दशा ०
त्र्यहं गृहद्वारि
 

 
देशकाहि दशे०
दंशाच याति
दंशे स्थित्वा द्वि०
 
दंष्ट संकटवक्ल ●
दक्षिणं चेष्टितं..
 
दक्षिणगः प्रथमं
 
दक्षिणतः प्रथमं
 
दक्षिणदेशे शब्द
 
दक्षिण नाडी पूर्ण
दक्षिणकटेन
दक्षिणमङ्गं पुंसः
दक्षिणाशा प्रवृत्त०
दक्षिणाङ्गं यदा..
दक्षिणे कलहः
 
दक्षिणेनाङ्क्षिणा कर्णे
दक्षिणे निजपक्षन्नो
दक्षिणोरूतले
दग्धा सा बकुला.
दग्वेन दह्यते
दग्वो विधिविधत्ते.
दत्तात्रेयादिभिः
दवा दिशि दिशि
ददतो युध्यमानस्य
दधिदूर्वाक्षत●
दधि मधु नव०
दधिमस्तु काचिक
दन्ताः सप्त चलं
दन्ताग्रनिर्भिन्न •
दन्तोद्भेदं प्रवक्ष्यामि
दंपत्योर्निशि
दग्भारम्भोद्धुरं
दयितावाहुपाशस्य
दयितस्य कथा ०
दरिद्रनिन्दा विज्ञेया ०
 
दरिद्रस्य परा०
दर्दुरक्रममास्थाय
दर्पणार्पित मालोक्य
 
लोकानुक्रमणिका
 
3550
 
दर्पणेषु परिभोग०
दर्पान्धगन्धगज •
 
3487
3503
 
दवींकरस्य दंशः
 
1707 दवकरास्तु
2463 दर्शनचेष्टावर •
 
2902
 
2892
 
2891
 
4066
 
2360
 
2634
 
2643
 
2658
 
2724
 
2358
 
2542
 
397
 
2414
 
1739
 
2407
 
2626
 
4436
 
832
 
1754
 
3265
 
4364
 
4037
 
474
 
2563
 
2931
 
2234
 
964
 
87
 
1698
 
3743
 
1510
 
3330
 
3179
 
19
 
309
 
1844
 
117
 
दर्शितानि कलत्राणि
 
दलं मलयजं मांसी
 
दशकूपसमा वापी
दशभिर्मणि
दशमद्वारमार्गेण
 

 
दशविंशनि ०
 
दशसप्तचतईत्यः
 
दशाङ्गुलमिताः
दशाङ्गोयं महाधूपो
 
दशाएपञ्च
 
दष्टकर अष्टकर
 
दह्यमानाः सुती ०
दयमानेपि हृदये
 
दाडिमं तु द्विजे
दातव्यं भोक्तव्यं
 
दाता नीचोपि..
 
दाता बलि: प्रार्थयिता
 
दाता सत्यवचाः
 
दात्यूहाः सरसं
 
दानं सवाश्रितं दद्याच
 
दानं भोगो
 
दानाय लक्ष्मी:
 
दानार्थिनो...
दाने तपास शौर्ये.
दामोदरकराघात
 
दामोदरमुदर ०
 
दाराः परिभव
 
दारिद्र्यानल ●
 
दासे कृतागसि..
 
दासेरकस्य
दासेरको रसत्येष.
 
७२७
 
3744
 
1237
 
2889
 
2888
 
2688
 
1471
 
3255
 
2086
 
4300
 
-1596
 
2146
 
2828
 
1773
 
3258
 
2884
 
2943
 
375
 
3402
 
3146
 
469
 
281
 
448
 
3110
 
850
 
1508
 
390
 
463
 
929
 
1477
 
498
 
1162
 
4140
 
406
 
3657
 
1027
 
959
 
2678
 
2364
 
2454
 
दिक्कालस्वरचेष्टा
 
दिवचेष्टितस्थान ●
 
दिक्ष्वारटन्ती...
 
2395
 
दिक्स्थानचेष्टा०प्रदीप्तो
दिक्स्थानचेष्टा प्रशान्तैः प्रश्नेषु.
 
2401
 
दिवस्थानचेष्टा० प्रशान्तैर्यथोत्तरं. 2388
दिनकराभिमुखो.
दिनमवसितं
 
2416
 
1146