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अंशुकमिव शीत •
अंसके स्कन्धनामा
 
अंसाकृष्टदुकूलया..
अकाले गर्जिते
अकूर्चारम्भोवि
अकृतज्ञमकार्य ०
 
अकृत्रिमप्रेमरसा
 
अकृत्वा निज०
अकृत्वा पर०.
अकृशं नितम्बभागे
 
अक्षीणकर्म ●
 
अक्षुद्रारि कृता •
अखर्वपर्व ●
अगदैः सर्व०
 
अगुरुरिति
अग्रतः पृष्ठतो मध्ये
अग्रतो वामपाद
अग्रे गीतं सरस०
अग्रेसरी कुमारी
अङ्कोलकथितं
अङ्गोल्लकाय ●
अङ्गोलतैलभावित •
अङ्कोलतैलसूकर •
अङ्कोलपत्रधूपेन
अङ्कोल्लवीज मज्जानां.
अङ्गं दक्षिणमारुह्य
अङ्गं दमनपच०.
अङ्गं प्रतीयते
अङ्गणं तदिद
अङ्गणवेदी वसुवा.
 
अङ्गन्यासस्ततः
अङ्गप्रत्यङ्ग भागेन.
अङ्गमङ्गेन सं०
 
अङ्गानि मे दहतु..
 
अङ्गारश्रूलाइम ०
अङ्गारैः खचितेव
अङ्गारैः शाकवृक्षस्य
अङ्गुष्ठनख
 
श्लोकानुक्रमणिका
 
1805
 
अङ्गुष्ठतर्जनीभ्यां॑
अङ्गुष्ठाग्रे तु तर्जन्या
3935 अङ्गुष्टे पदगुल्फ०..
अङ्गुलिभङ्गविकल्पन●
अङ्गुली किसलया०
अङ्गुलीषु कुरूङ्गाक्ष्याः
अङ्गुल्यग्रनिरोधत
अङ्गेनङ्गज्वर ० .:.
अचिन्तितानि..
अचिन्त्याः पन्थान:
 

 
अच्छिन्नं नयना०
 
3674
 
1825
 
577
 
703
 
3090
 
1295
 
307
 
3376
 
4564
 
4009
 
1075
 
अजामिव ग्रजां
 
1000
 
2925 अजामूत्रं च
अजा युद्धमृपि ०
अजालघुस्मरा०
 
4482
 
1790
 
4176
 
2697
 
अजरामरवत्.
 
अजात मृत मुर्खेभ्यो
 
अजानन्माहात्म्यं
 
1731
 
4292
 
2305
 
2248 अज्ञानैकहतो
2310 ।अञ्जनमुस्तोशीरैः
 
2289
 
2959
 
4143
 
3483
 
अजावं मुखतो
अजै कास्कर ०.
 
2629
 
3827
 
2850
 
1800
 
अज्ञः सुख ०
अज्ञानाब्ज्ञानतो
 
3003
 
अणिमा लघिमा
 
2532 ।अण्डाभ्य लोमशाभ्यां
 
4640 अतः परं ० खड्ग ०
 
4633
 
अतः परंशराणां
 
567
 
अतः प्रशस्ते .
 
230
 
अतः संदेहदोलायां
अतः सुस्थितचित्तेन.
अतसीपुष्प
 
अताडयत्पल्लव ०
 
अतिकुपिता अपि.
अतिजीर्णमपक
अतितामसो०.
अतितेजस्वयपि राजा..
 
अनिदानावलि ●
 
अञ्जनस्य क्षयं
 
।अञ्जलिस्थानि
 
2857
 
1801
 
3191
 
4029
 
3566
 
3334
 
3858
 
3474
 
313
 
222
 
3486
 
669
 
1483
 
4156
 
1290
 
2919
 
1455
 
3100
 
605
 
2240
 
208
 
2102
 
4329
 
2173
 
G50
 
199
 
4542
 
1663
 
4671
 
1768
 
2981
 
1716
 
2562
 
512
 
3800
 
238
 
1751
 
3120
 
1388
 
1445