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विद्वानों द्वारा समर्थित "सांख्ययोगकोशः" नामक अभिनव
ग्रन्थ, जिसका प्रणयन प्राच्यविद्याधर्मविज्ञानसंकायके दर्शन-
विभागाध्यक्ष श्रीकेदारनाथ त्रिपाठीने किया है, दर्शनके जिज्ञासुओं
विशेषतः शोधछात्रोंके लिए अत्यन्त उपयोगी सिद्ध हांगा,
ऐसा मैं समझता हूँ। मैं इस ग्रन्थ के अधिकाधिक प्रसारके लिये
हार्दिक शुभकामना
करता हूँ ।
 
६।९।७४
 
का० श्रीमाली
कुलपति
काशी हिन्दू विश्वविद्यालय वाराणसी