2025-12-13 16:51:02 by akprasad
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<ignore>रामरक्षास्तोत्रम्
६
</ignore>
<verse text="A" n="9">जानुनी सेतुकृत्पातु जङ्घे दशमुखान्तकः ।
पादौ विभीषणश्रीदः पातु रामोऽखिलं वपुः ॥ ९ ॥
</verse>
<p text="B" n="9">जानुओंकी सेतुकृत, जङ्घाओंकी दशमुखान्तक
(रावणको मारनेवाले), चरणोंकी विभीषणश्रीद
( विभीषणको ऐश्वर्य प्रदान करनेवाले ) और सम्पूर्ण
शरीरकी श्रीराम रक्षा करें ॥ ९ ॥
</p>
<verse text="A" n="10">एतां रामबलोपेतां रक्षां यः सुकृती पठेत् ।
सचिरायुः सुखी पुत्री विजयी विनयी भवेत् ॥१०॥
</verse>
<p text="B" n="10">जो पुण्यवान् पुरुष रामबलसे सम्पन्न इस रक्षाका
पाठ करता है, वह दीर्घायु, सुखी, पुत्रवान्, विजयी
और विनयसम्पन्न हो जाता है ॥ १० ॥
</p>
<verse text="A" n="11">पातालभूतलव्योमचारिणश्छद्मचारिणः
न द्रष्टुमपि शक्तास्ते रक्षितं रामनामभिः ॥११॥
</verse>
<p text="B" n="11">जो जीव पाताल, पृथ्वी अथवा आकाश में विचरते
हैं और जो छद्मवेशसे घूमते रहते हैं, वे रामनामोंसे
सुरक्षित पुरुषको देख भी नहीं सकते ॥ ११ ॥
</p>
<ignore>CC-0. Mumukshu Bhawan Varanasi Collection. Digitized by eGangotr
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<ignore>रामरक्षास्तोत्रम्
६
<verse text="A" n="9">जानुनी सेतुकृत्पातु जङ्घे दशमुखान्तकः ।
पादौ विभीषणश्रीदः पातु रामोऽखिलं वपुः ॥ ९ ॥
<p text="B" n="9">जानुओंकी सेतुकृत, जङ्घाओंकी दशमुखान्तक
(रावणको मारनेवाले), चरणोंकी विभीषणश्रीद
( विभीषणको ऐश्वर्य प्रदान करनेवाले ) और सम्पूर्ण
शरीरकी श्रीराम रक्षा करें ॥ ९ ॥
<verse text="A" n="10">एतां रामबलोपेतां रक्षां यः सुकृती पठेत् ।
सचिरायुः सुखी पुत्री विजयी विनयी भवेत् ॥१०॥
<p text="B" n="10">जो पुण्यवान् पुरुष रामबलसे सम्पन्न इस रक्षाका
पाठ करता है, वह दीर्घायु, सुखी, पुत्रवान्, विजयी
और विनयसम्पन्न हो जाता है ॥ १० ॥
<verse text="A" n="11">पातालभूतलव्योमचारिणश्छद्मचारिणः
न द्रष्टुमपि शक्तास्ते रक्षितं रामनामभिः ॥११॥
<p text="B" n="11">जो जीव पाताल, पृथ्वी अथवा आकाश में विचरते
हैं और जो छद्मवेशसे घूमते रहते हैं, वे रामनामोंसे
सुरक्षित पुरुषको देख भी नहीं सकते ॥ ११ ॥
<ignore>CC-0. Mumukshu Bhawan Varanasi Collection. Digitized by eGangotr
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