2025-12-13 16:51:02 by akprasad
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<title text="A">रामरक्षास्तोत्रम्
</title>
<subtitle>'रामरक्षाकवच' की सिद्धिकी विधि
</subtitle>
<p>नवरात्रमें प्रतिदिन नौ दिनोंतक ब्राह्म मुहूर्तमें नित्य-कर्म
तथा स्नानादिसे निवृत्त हो शुद्ध वस्त्र धारणकर
कुशाके आसनपर सुखासन लगाकर बैठ जाइये ।
भगवान् श्रीराम के कल्याणकारी स्वरूप में चित्तको एकाग्र
करके इस महान् फलदायी स्तोत्रका कम-से-कम ग्यारह
बार और यदि यह न हो सके तो सात बार नियमित
रूपसे प्रतिदिन पाठ कीजिये। पाठ करनेवालेकी श्रीरामकी
शक्तियोंके प्रति जितनी अखण्ड श्रद्धा होगी, उतना ही
फल प्राप्त होगा। वैसे 'रामरक्षाकवच' कुछ लंबा है,
पर इस संक्षिप्तरूपसे भी काम चल सकता है। पूर्ण
शान्ति और विश्वाससे इसका जाप होना चाहिये,
यहाँतक कि यह कण्ठस्थ हो जाय ।</p>
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<title text="A">रामरक्षास्तोत्रम्
<subtitle>'रामरक्षाकवच' की सिद्धिकी विधि
<p>नवरात्रमें प्रतिदिन नौ दिनोंतक ब्राह्म मुहूर्तमें नित्य-कर्म
तथा स्नानादिसे निवृत्त हो शुद्ध वस्त्र धारणकर
कुशाके आसनपर सुखासन लगाकर बैठ जाइये ।
भगवान् श्रीराम के कल्याणकारी स्वरूप में चित्तको एकाग्र
करके इस महान् फलदायी स्तोत्रका कम-से-कम ग्यारह
बार और यदि यह न हो सके तो सात बार नियमित
रूपसे प्रतिदिन पाठ कीजिये। पाठ करनेवालेकी श्रीरामकी
शक्तियोंके प्रति जितनी अखण्ड श्रद्धा होगी, उतना ही
फल प्राप्त होगा। वैसे 'रामरक्षाकवच' कुछ लंबा है,
पर इस संक्षिप्तरूपसे भी काम चल सकता है। पूर्ण
शान्ति और विश्वाससे इसका जाप होना चाहिये,
यहाँतक कि यह कण्ठस्थ हो जाय ।</p>
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