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स्थापनान्द ]
सिंघी जैन ग्रन्थमाला
जैन आगमिक, दार्शनिक, साहित्यिक, ऐतिहासिक, कथात्मक- इत्यादि विविधविषयगुम्फित
प्राकृत, संस्कृत, अपभ्रंश, प्राचीनगूर्जर, राजस्थानी आदि भाषानिबद्ध
बहु उपयुक्त पुरातनवजाय तथा नवीन संशोधनात्मक
साहित्यप्रकाशिनी जैन ग्रन्थावलि ।
कलकत्तानिवासी स्वर्गीय श्रीमद् डालचन्दजी सिंघी की पुण्यस्मृतिनिमित्त
तदीयसुपुत्र श्रीमान् बहादुरसिंहजी सिंघी द्वारा संस्थापित
मुख्य सम्पादक
जिनविजय मुनि
अधिष्ठाता, सिंघी जैन ज्ञानपीठ,
शान्तिनिकेतन
ग्रन्थांक १
प्रतिस्थान
संचालक, सिंघी जैन ग्रन्थमाला.
शान्तिनिकेतन, बंगाल.
सर्वाधिकार संरक्षित.
[वि० सं० १९८७
सिंघी जैन ग्रन्थमाला
जैन आगमिक, दार्शनिक, साहित्यिक, ऐतिहासिक, कथात्मक- इत्यादि विविधविषयगुम्फित
प्राकृत, संस्कृत, अपभ्रंश, प्राचीनगूर्जर, राजस्थानी आदि भाषानिबद्ध
बहु उपयुक्त पुरातनवजाय तथा नवीन संशोधनात्मक
साहित्यप्रकाशिनी जैन ग्रन्थावलि ।
कलकत्तानिवासी स्वर्गीय श्रीमद् डालचन्दजी सिंघी की पुण्यस्मृतिनिमित्त
तदीयसुपुत्र श्रीमान् बहादुरसिंहजी सिंघी द्वारा संस्थापित
मुख्य सम्पादक
जिनविजय मुनि
अधिष्ठाता, सिंघी जैन ज्ञानपीठ,
शान्तिनिकेतन
ग्रन्थांक १
प्रतिस्थान
संचालक, सिंघी जैन ग्रन्थमाला.
शान्तिनिकेतन, बंगाल.
सर्वाधिकार संरक्षित.
[वि० सं० १९८७