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ग्रन्थसंख्या
 
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لله
 
o
 
O
 
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४४
 
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४७
 
४८
 
ग्रन्थप्रतीकः (प्रन्थ-
चिहम्)
 
त० कौ
 
त० दी०
 
त० प्र०
 
त० भा०
 
त० व०
 
त० वा०
 
तत्त्वप्र०
 
तत्त्व सं•
 
त० सं०
 
तर्का •
 
ता० र०
 
तैत्तिरी•
दि०
दीधि० २
 
येभ्यो ग्रन्थेभ्यः शब्दान गृहीत्वाऽयं न्यायकोशो व्यरचि
 
विषय:-
-
 
(न्याय.) गोतममतानुसारी
 
(वैशे.) कणादमतानुसारी
मिश्रम्) उभयमतमिश्रम्
 
i
 
न्या० र०
 
न्या० ली०
 
नील●
 
न्या० क०
 
न्या० बि० टी०
 
न्या० बो०
 
न्या० म०'
 
न्या० वा०
 
न्या० सि० दी०
 
पञ्च० कूट•
 
एतचिहानामर्थः (ग्रन्थनाम )
 
तर्ककौमुदी
तर्क दीपिका
तर्कप्रकाशः ( शितिकण्ठी )
 
तर्कभाषा
 
तत्त्वावलिः
तर्कसंग्रहवाक्यार्थः
तत्त्वप्रकाशिका
 
तत्त्वसंख्यानम्
 
तर्कसंग्रहः
 
तर्कामृतम्
 
तार्किकरक्षा
 
तैत्तिरीयोपनिषत्
 
दिनकरी
 
दीधतिः, अनुमान खण्डः
 
न्यायरत्नम् ( गदाधरीटिप्पणम्)
न्यायलीलावती
 
न्यायवार्तिकम् ( गोतम सूत्र टिप्पणम्)
 
(वैशे० )
मिश्रम् )
 
(मिश्रम्)
 
न्याय सिद्धान्तदीपः
 
पञ्चदशी - कूटस्थ •
 
O
 
( न्याय )
 
(वैशे० )
( मिश्रम् )
 
वेदान्तः
 
वेदान्तः
 
( मिश्रम्)
 
वैशे० ) ( मिश्रम् ? )
 
( न्याय● )
 
वेदान्तः
 
नीलकण्ठी
 
( मिश्रम् )
 
न्यायकन्दली ( प्रशस्तपादभाष्यटीका ) (वैशे० )
न्यायबिन्दुटीका
न्यायबोधिनी
न्याय सिद्धान्तमञ्जरी
 
मिश्रम् )
 
मिश्रम् )
 
बौद्ध न्यायमतम्
 
(मिश्रम्)
 
(मिश्रम्)
 
(मिश्रम्)
 
वैशे० )
 
न्याय • )
 
न्याय ०
 
वेदान्तः