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प्रन्थसंख्या
 
२८
 
२९
 
२५ त० को
 
२६
 
त० दी०
 
२७
 
त० प्र०
 
४४
 
३३
 
३४
 
३५
 
प्रन्थप्रतीकः (प्रन्थ-
चिहम्)
 
३०
 
३१
 
तत्त्वप्र
 
३२ । तत्त्व सं.
 
त० भा०
 
त० व०
 
त० वा०
 
४७
 
४८
 
त० सं०
 
तर्का०
 
ता० २०
 
तैत्तिरी ●
दि.
 
३८ दीवि० २
 
४०
 
४१
४२ न्या० बो०
 
४३
 
न्या० म०
 
येभ्यो ग्रन्थेभ्यः शब्दान् गृहीत्वाऽयं न्यायकोशो व्यरचि
 
विषय:-
(न्याय.) गोतममतानुसारी
(वैशे.) कणादमतानुसारी
मिश्रम्) उभयमत मिश्रम्
 
नील●
 
न्या० क०
 
न्या०बि०टी०
 
न्या० २०
 
न्या० ली०
 
न्या० वा०
 
न्या० सि० दी०
 
पञ्च● कूट•
 
एतविहानामर्थः (मन्थनाम )
 
तर्ककौमुदी
तर्कदीपिका
 
तर्कप्रकाशः ( शितिकण्ठी )
 
तर्कभाषा
तत्त्वावलिः
तर्कसंग्रहवाक्यार्थः
 
। तत्त्वप्रकाशिका
तत्त्वसंख्यानम्
 
तर्कसंग्रहः
 
तर्कामृतम्
 
तार्किकरक्षा
 
तैत्तिरीयोपनिषत्
दिनकरी
 
• दीघतिः, अनुमान खण्ड:
 
नीलकण्ठी
 
न्यायकन्दली ( प्रशस्तपादभाष्यटीका )
न्यायबिन्दुटीका
न्यायबोधिनी
 
न्यायसिद्धान्तमञ्जरी
 
न्यायरनम् (गदाघरीटिप्पणम् )
न्यायलीलावती
 
। न्यायवार्तिकम् ( गोतमसूत्र टिप्पणम्)
न्यायसिद्धान्तदीपः
 
पश्चदशी -कूटस्थ●
 
वैशे० )
 
मिश्रम् )
 
मिश्रम् )
 
( न्याय
 
( मिश्रम्)
 
वेदान्तः
 
वेदान्तः
 
( मिश्रम्)
 
वैशे• ) ( मिश्रम् ? )
न्याय • )
 
वेदान्तः
 
(मिश्रम्)
 
मिश्रम्)
 
( मिश्रम्)
वैशे• )
बौद्ध
न्यायमतम्
 
मिश्रम् )
 
मिश्रम्
 
(मिश्रम्)
 
वैशे• )
 
न्याय •
 
न्याय ●
 
वेदान्तः