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प्रथमाश्वासः
 
मङ्गलाचरणम्
 
उपोद्धातः
 
अमरावतीवर्णनम्
 
देवेन्द्रवर्णनम्
 
दुर्वासोवर्णनम्
 
दानवाना माक्रमणम्
 
द्वितीयाश्वासः
 
सत्यलोकगमनम्
 
नीलकण्ठविजयचम्पू विषयसूचिका
 
हालाहलवर्णनम्,
 
हिरण्यगर्भभवनवर्णनम्
 
ब्रह्मणे बृहस्पतिना
 
देवावस्थानिवेदनम्
 
भगवदुपदेशः
 
तृतीयाश्वासः
 
मन्दरोत्पाटनार्थ
 

 
४ - ९
 

१९
 
१३६
 
ब्रह्मणा विष्णुसमीपगमनोपदेशः १४०
 
दानवानां प्रस्थानम्
 
३४-३७
 
४३-८०
 
क्षीरसागरवर्णनम्
 
१४५-१५१
 
श्रीमहाविष्णुवर्णनम् १६१-१६८
 
भगवतः कमठरूपेणा-
विर्भावः
 
वासुके रज्जुत्वेन कल्पनम्
 
तुरीयाश्वासः
समुद्रमथनवर्णनम्
 
९५
 
१०८
 
११८
 
१७८
 
१८०
 
२०५
 
२४४-२४६
 
२६१
 
२६७
 
२६८
 
तेन त्रिलोकीदाहः
 
२७६
 
२८५-२९२
 
ईश्वरेण विषपानम्
 
३०७
 
देवैः कृता परशिवस्तुतिः ३१३- ३२५
 
३२६
 
३२८
 
३३०
 
३३३
 
३३६
 
३३९-३४२
 
परशिववर्णनम्
 
पञ्चमाश्वासः
 
ऐरावतोत्पत्तिः
 
उच्चैश्श्रवस उत्पत्तिः
 
कामधेनुप्रादुर्भावः
 
चन्द्रोदय:
 
अप्सरसां समुत्पत्तिः
 
श्रीमहालक्ष्मीप्रादुर्भावः,
 
तस्या वर्णनं च
 
धन्वन्तरिप्रादुर्भावः
 
अमृतोत्पत्तिः
 
देवासुरयोर्युद्धम्
 
अमृतेश्वरी (महामाया)
 
प्रादुर्भाव:
 
अम्बिका वर्णनम्
 
परदेवतास्तुतिः
 
असुरव्यामोहनम्
 
उपसंहारः
 
शुभम्
 
३४५-३५३
 
३५८
 
३५९
 
३६२-३६६
 
३६८-३८५
 
३७८-३८०
 
३८३-३८५
 
३८६
 
३८८-३९१