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जय- जय- जप्यजये जय- शब्द पर - स्तुति तत्पर - विश्व नुते
झण- झण-झिञ्झिमि - झिङ्कृत नूपुर - शिञ्जित मोहित- भूतपते ।
नटित-नटार्ध - नटी - नट-नायक-नाटकनाटित-नाट्यरतें
जय जय हे महिषासुरमर्दिनि रम्यकपर्दिनि शैलसुते ।। १० ।।
 
अयि सुमनः सुमनः सुमनःसुमनः सुमनोहरकान्तियुते
श्रितरजनीरज-नीरज-नीरजनी रजनीकर-वक्त्र​युते ।
सुनयनविभ्रम-रभ्र-मर-भ्रमर-भ्रम-रभ्रमराधिपते
जय जय हे महिषासुरमर्दिनि रम्यकपर्दिनि शैलसुते ।।११।।
 
महित-महाहव-मल्लमतल्लिक-मल्लित-रल्लक-मल्ल-रते
विरचित-वल्लिक-पल्लिक-मल्लिक-झिल्लिक-भिल्लिक-वर्ग-वृते ।
सित-कृतफुल्ल-समुल्लसिताऽरुण-तल्लज-पल्लव-सल्ललिते
जय जय हे महिषासुरमर्दिनि रम्यकपर्दिनि शैलसुते।।१२।।