2022-08-21 03:31:01 by Aditya_Dwivedi
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सम्भवम् । जय जयेति । ।।१४।।
महिषासुरमर्दिनी हे महालक्ष्मी ! रम्य केशपाशावृत हे महाकाली
हिमालय की पुत्री महासरस्वती हे उमा भगवती ! तुम्हारी जय हो
। तुम्हारा ललाट कमलदल के समान कोमल कान्ति से युक्त है.
चन्द्रमा के समान वक्राकार एवं निर्मल है । तुम्हारी नृत्य लीला में
पाद विन्यास ऐसा है कि समस्त विलास शिल्पकला वहीं समायी
है जिसे देख कर कलहंस चंचल होकर स्वयं नृत्य करने लगते
है । तुम ऐसी सहेलियों से घिरी हुई हो जिनके मस्तक में ऐसे कमल
शोभा पा रहे हैं जहाँ भ्रमर भ्रमण करते रहते हैं और साथ में लगे
हुए बकुल पुष्प सुगंधि फैलाते है ।।१४।।
Oh Goddess, having the spotless and
delicate lustre of a lotus-petal (and) having
the expance of forehead like clear moon, during
whose sport consisting of foot-steps which are
residence of all graceful arts the sweet-
sounding swans are dancing, who is possessed
of a group of rows of Bakula flowers which
mingle with the crest of a bunch of blue lotuses
full of swarms of bees, who has crushed the
महिषासुरमर्दिनी हे महालक्ष्मी ! रम्य केशपाशावृत हे महाकाली
हिमालय की पुत्री महासरस्वती हे उमा भगवती ! तुम्हारी जय हो
। तुम्हारा ललाट कमलदल के समान कोमल कान्ति से युक्त है.
चन्द्रमा के समान वक्राकार एवं निर्मल है । तुम्हारी नृत्य लीला में
पाद विन्यास ऐसा है कि समस्त विलास शिल्पकला वहीं समायी
है जिसे देख कर कलहंस चंचल होकर स्वयं नृत्य करने लगते
है । तुम ऐसी सहेलियों से घिरी हुई हो जिनके मस्तक में ऐसे कमल
शोभा पा रहे हैं जहाँ भ्रमर भ्रमण करते रहते हैं और साथ में लगे
हुए बकुल पुष्प सुगंधि फैलाते है ।।१४।।
Oh Goddess, having the spotless and
delicate lustre of a lotus-petal (and) having
the expance of forehead like clear moon, during
whose sport consisting of foot-steps which are
residence of all graceful arts the sweet-
sounding swans are dancing, who is possessed
of a group of rows of Bakula flowers which
mingle with the crest of a bunch of blue lotuses
full of swarms of bees, who has crushed the