2022-08-19 09:10:04 by Aditya_Dwivedi
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देवशक्तिभिः। हन्यन्ताम् असुराः शीघ्रं मम प्रीत्याह चण्डिकाम्" इति ।
यद् वा तस्मिन् महायुद्धे शत्रुवधोत्पन्नासृगादिभिः तर्पिता भूताः
पिशाचाः तत्पतयश्च यया तथेति । जय जयेति । ॥६॥
हे माता | इस के बाद तुम ने हुंकार मात्र से धूम्रलोचन और
उस के अनुयायियों का वध कर डाला । युद्ध में रक्तबीज से उत्पन्न
करोडों रक्तबीजों के बीज रक्तबिन्दुओं की धारा तुम ने सुखा डाला।
फिर शुम्भ और निशुम्भ के साथ जो महा युद्ध हुआ उस में बहाये
खून की धारा और मांस खण्डों से भूत पिशाचादि को शिव शिव
कहते हुए मानो तर्पण ही किया । कैसा वह पराक्रम था । धन्य
हो । जय हो महिषासुरमर्दिनी । जय हो जटाजूटधारिणी शैलपुत्री माता ! ।।६।।
Hail, Oh Goddess who has destroyed demon
Dhoomralochana together with his hundreds of
followers by the sheer utterance of sound
"hum", Oh Female who has sucked up in battle
the germ of blood emanating from demon
Raktabija, who has satisfied the lord of
goblins (Siva) by the war-cry "Siva-Siva", in
the great battle with Sumbha and Nisumbha, who
यद् वा तस्मिन् महायुद्धे शत्रुवधोत्पन्नासृगादिभिः तर्पिता भूताः
पिशाचाः तत्पतयश्च यया तथेति । जय जयेति । ॥६॥
हे माता | इस के बाद तुम ने हुंकार मात्र से धूम्रलोचन और
उस के अनुयायियों का वध कर डाला । युद्ध में रक्तबीज से उत्पन्न
करोडों रक्तबीजों के बीज रक्तबिन्दुओं की धारा तुम ने सुखा डाला।
फिर शुम्भ और निशुम्भ के साथ जो महा युद्ध हुआ उस में बहाये
खून की धारा और मांस खण्डों से भूत पिशाचादि को शिव शिव
कहते हुए मानो तर्पण ही किया । कैसा वह पराक्रम था । धन्य
हो । जय हो महिषासुरमर्दिनी । जय हो जटाजूटधारिणी शैलपुत्री माता ! ।।६।।
Hail, Oh Goddess who has destroyed demon
Dhoomralochana together with his hundreds of
followers by the sheer utterance of sound
"hum", Oh Female who has sucked up in battle
the germ of blood emanating from demon
Raktabija, who has satisfied the lord of
goblins (Siva) by the war-cry "Siva-Siva", in
the great battle with Sumbha and Nisumbha, who