मधुराविजयम् /719
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सेसु
राजभि
व्यार्थ
चया
सरितुं
नीम
तादृशो
दर्घ
स्तमा
उदय्यत
तारकानि
शुम्रम्
मग़ाङ्क
खमु
काष्ट
प्रचाव्य
सतप्तन्तु
सदृश
खड्ल
व्यधा
किञ्च
.
अप्राप
स्फुलिङ्गाः
प्रर
अभ्रश्यत
ममुष्य
62774
disco
గుంటూరు
---
✔
24
सेषु
राजे
व्याधं
चाया
सर्तु
नीम्
तादृश्यौ
दीर्घ
स्तमो
उदाय्यत
तारकाणि
शुभ्रम्
मृगाङ्क
मुख
काष्ठ
प्रच्याव्य
सप्ततन्तु
तत्सदृश
खड्ग
व्यथा
किञ्चि
प्राप
स्फुलिङ्गा
पर
अभ्रश्यत्
E
मुपेत्य
:0:
252
264
271
372
384
393
415
425
431
435
43
450
461
463
4.70
474
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व्यार्थ
चया
सरितुं
नीम
तादृशो
दर्घ
स्तमा
उदय्यत
तारकानि
शुम्रम्
मग़ाङ्क
खमु
काष्ट
प्रचाव्य
सतप्तन्तु
सदृश
खड्ल
व्यधा
किञ्च
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अप्राप
स्फुलिङ्गाः
प्रर
अभ्रश्यत
ममुष्य
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सेषु
राजे
व्याधं
चाया
सर्तु
नीम्
तादृश्यौ
दीर्घ
स्तमो
उदाय्यत
तारकाणि
शुभ्रम्
मृगाङ्क
मुख
काष्ठ
प्रच्याव्य
सप्ततन्तु
तत्सदृश
खड्ग
व्यथा
किञ्चि
प्राप
स्फुलिङ्गा
पर
अभ्रश्यत्
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