मधुराविजयम् /718
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विष्णि
तद्रूपेण
दामनी
मर्थ
स्पश
क्रम
राज्ञि
"
वेदा इति "
चीयन्त
चक्र
क्रया
भिाव:
राजानः
भवयते
नवा
र्हणि
राजभिः
द्वितीय
त्साहि
अथ
त्यहुः
एकदा
मजहत
पुमन्
वयि
अयु
अश्वीयम्
कणः
कन्ति
प्रण
23
विष्णुं
तद्रूपया
दामनि
मर्ध
स्पर्श
क्राम
राजे
वेदा " इति
चयन्त
चक्रव
क्रिया
भावः
राजा:
भावयते
निवा
र्हाणि
राज:
तृतीय
त्साही
अध
त्याहुः
एकदा
मजिहत
पुमान्
वयवि
आयु
आश्वीयम्
कृणा:
कान्ति
प्राण
89
91
97
100
104
111
111
114
116
124
126
126
151
157
157
175
198
202
230
232
233
236
239
240
AFFRO
249
251
252
252
18
11
18
18
19
16
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25
7
7
2
9
20
7
26
16
12
M
12
14
9
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20
5
23
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मर्थ
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राज्ञि
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वेदा इति "
चीयन्त
चक्र
क्रया
भिाव:
राजानः
भवयते
नवा
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राजभिः
द्वितीय
त्साहि
अथ
त्यहुः
एकदा
मजहत
पुमन्
वयि
अयु
अश्वीयम्
कणः
कन्ति
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दामनि
मर्ध
स्पर्श
क्राम
राजे
वेदा " इति
चयन्त
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क्रिया
भावः
राजा:
भावयते
निवा
र्हाणि
राज:
तृतीय
त्साही
अध
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एकदा
मजिहत
पुमान्
वयवि
आयु
आश्वीयम्
कृणा:
कान्ति
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