मधुराविजयम् /709
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  मदान्धकारो हि
  
  
  
   
  
  
  
मधुनि मुग्धदृशां
मधुराकृतिभाव
   
  
  
  
मधुरोपवनं
मधुसुगन्धिरज
   
  
  
  
मन्दारमञ्जरीस्यन्दि
   
  
  
  
मरालैर्मञ्जुमञ्जीर
   
  
  
  
महाकविमुखाम्भोज
   
  
  
  
महौजसस्तस्य
   
  
  
  
मानोन्नते कम्पनृपस्य
   
  
  
  
मित्वाभ्युदय
मुक्ताफलैवरकृपाण्
   
  
  
  
मुखरकङ्कण
   
  
  
  
मुखराणि पुरा
   
  
  
  
मुखरितमणि
   
  
  
  
मुखलीनखली नाहि
   
  
  
  
मुखेन तन्वी
   
  
  
  
मुहुः प्रसर्पन्मद
   
  
  
  
मुहुरा मृश देव
   
  
  
  
मुहुर्मुहुः पल्लव
   
  
  
  
मुहुस्स्वजवसंरोध
   
  
  
  
यच्छाखानगरी पम्पा
   
  
  
  
यत्प्रतापानलज्वाला
   
  
  
  
यत्र वामभ्रुवामेव
   
  
  
  
यत्र सौधेषु संगीत
   
  
  
  
14
   
  
  
  
( य )
   
  
  
  
3
   
  
  
  
5
   
  
  
  
8
   
  
  
  
8
   
  
  
  
5
   
  
  
  
1
   
  
  
  
1
   
  
  
  
1
   
  
  
  
2
   
  
  
  
9
   
  
  
  
1
   
  
  
  
9
   
  
  
  
5
   
  
  
  
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6
   
  
  
  
4
   
  
  
  
2
   
  
  
  
3
   
  
  
  
7
   
  
  
  
2
   
  
  
  
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1
   
  
  
  
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24
   
  
  
  
66
   
  
  
  
1
   
  
  
  
8
   
  
  
  
63
   
  
  
  
12
   
  
  
  
G3
   
  
  
  
3
   
  
  
  
15
   
  
  
  
40
   
  
  
  
68
   
  
  
  
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5
   
  
  
  
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27
   
  
  
  
27
   
  
  
  
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65
   
  
  
  
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168
   
  
  
  
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6
   
  
  
  
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549
   
  
  
  
70
   
  
  
  
511
   
  
  
  
365
   
  
  
  
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372
   
  
  
  
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मधुनि मुग्धदृशां
मधुराकृतिभाव
मधुरोपवनं
मधुसुगन्धिरज
मन्दारमञ्जरीस्यन्दि
मरालैर्मञ्जुमञ्जीर
महाकविमुखाम्भोज
महौजसस्तस्य
मानोन्नते कम्पनृपस्य
मित्वाभ्युदय
मुक्ताफलैवरकृपाण्
मुखरकङ्कण
मुखराणि पुरा
मुखरितमणि
मुखलीनखली नाहि
मुखेन तन्वी
मुहुः प्रसर्पन्मद
मुहुरा मृश देव
मुहुर्मुहुः पल्लव
मुहुस्स्वजवसंरोध
यच्छाखानगरी पम्पा
यत्प्रतापानलज्वाला
यत्र वामभ्रुवामेव
यत्र सौधेषु संगीत
14
( य )
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8
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1
1
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